सरकारी था मुख्यमंत्री का उपवास, खर्च हुए एक लाख 11 हजार
बिसेन के मुताबिक, इस बिल का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के उपवास के दौरान हमीदिया अस्पताल की व्यवस्थाओं, वृक्षारोपण महाभियान और खरीफ की फसल की तैयारी की समीक्षा की थी।
भोपाल, नईदुनिया। किसान आंदोलन के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दो दिन के उपवास पर खर्च को लेकर मचे शोर पर सरकार का लेखा-जोखा भी आ गया है। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और विधायक गोविंद सिंह के सवाल के लिखित जवाब में बताया गया है कि 10 और 11 जून को हुए मुख्यमंत्री के उपवास कार्यक्रम पर करीब 1 लाख 11 हजार 442 रुपए खर्च आया है। साथ यह भी कहा कि उपवास कार्यक्रम पूरी तरह सरकारी था।
नेता प्रतिपक्ष और गोविंद सिंह ने विधानसभा में पूछा था कि मुख्यमंत्री के उपवास कार्यक्रम पर कुल कितना खर्च आया और वहां कौन-कौन सी सरकारी बैठकें हुई? कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने जवाब में बताया है कि मुख्यमंत्री के शयन कक्ष और बैठक कक्ष का अस्थाई निर्माण मेसर्स भोपाल ग्लास एवं टेंट स्टोर, इतवारा रोड से करवाया गया है। फर्म ने कुल 88 हजार 178 रुपए का बिल जिला प्रशासन को दिया है।
वहीं लाउड स्पीकर व अन्य सामान के लिए मेसर्स मिश्रा रेडियो एंड इलेक्ट्रीशियन, इतवारा रोड, भोपाल ने 23 हजार 324 रुपए का बिल दिया है। बिसेन के मुताबिक, इस बिल का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के उपवास के दौरान हमीदिया अस्पताल की व्यवस्थाओं, वृक्षारोपण महाभियान और खरीफ की फसल की तैयारी की समीक्षा की थी।
संघीय व्यवस्था के बारे में जानकारी नहीं
कांग्रेस विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने यह भी पूछा था कि क्या मुख्यमंत्री का उपवास संघीय व्यवस्था के अनुकूल है या उन्होंने राज्यपाल से इसकी अनुमति ली थी? इस पर बिसेन ने कहा कि इस मामले में संधारित अभिलेख के आधार पर जानकारी नहीं है। मुख्यमंत्री ने उपवास किसान संगठनों, गणमान्य जनप्रतिनिधियों के आग्रह पर तो़ड़ा था।
कृषि रथ के खर्च की जानकारी नहीं
किसान कल्याण मंत्री गौरी शंकर बिसेन ने विजयपुर (श्योपुर) विधायक रामनिवास रावत के सवाल के लिखित जवाब में बताया है कि ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के तहत कृषि विभाग द्वारा रथ तैयार कराने जाने और उन पर आए खर्च की जानकारी फिलहाल सरकार के पास नहीं है। यह जानकारी सरकार द्वारा एकत्र कराई जा रही है।
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