मोदी अंकल! हमें स्कूल जाना है, दाखिला दिला दो
मोदी अंकल, हम पढ़ना चाहते हैं मगर हमारी पढ़ाई छूट चुकी है। अलग-अलग स्कूलों में चक्कर काटने के बाद भी हमें कहीं दाखिला नहीं मिला। हमें पता चला है कि आप शिक्षक दिवस [पांच सितंबर] पर सभी स्कूलों में ब'चों को टीवी पर कुछ संदेश देने वाले हैं। हम भी आपका वह संदेश सुनना चाहते हैं। मगर यह तभी हो सकता है, जब हम भी अन्य ब'चों की तरह स्कूल में पढ़ रहे हों। हमारा स्कूल में दाखिला करा दीजिए। यह करुण पुकार है अलग-अलग कारणों से पढ़ाई से
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। मोदी अंकल, हम पढ़ना चाहते हैं मगर हमारी पढ़ाई छूट चुकी है। अलग-अलग स्कूलों में चक्कर काटने के बाद भी हमें कहीं दाखिला नहीं मिला। हमें पता चला है कि आप शिक्षक दिवस [पांच सितंबर] पर सभी स्कूलों में बच्चों को टीवी पर कुछ संदेश देने वाले हैं। हम भी आपका वह संदेश सुनना चाहते हैं। मगर यह तभी हो सकता है, जब हम भी अन्य बच्चों की तरह स्कूल में पढ़ रहे हों। हमारा स्कूल में दाखिला करा दीजिए।
यह करुण पुकार है अलग-अलग कारणों से पढ़ाई से वंचित हो चुके दिल्ली के छह बच्चों की। इन्होंने फिर से पढ़ाई की आशा व्यक्त करते हुए मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पोस्टकार्ड भेजे हैं।
बच्चों को अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने प्रधानमंत्री का पता लिखे पोस्टकार्ड मुहैया कराए। खजूरी खास निवासी विकलांग छात्रा नजराना ने पत्र में लिखा है कि उसकी पढ़ाई एक साल के लिए बाधित हो गई थी। उसने खजूरी खास स्थित राजकीय सर्वोदय कन्या विद्यालय में नौवीं कक्षा में आवेदन किया था, मगर दाखिला नहीं मिला। अब वह एक साल और नहीं पढ़ पाएगी। वहीं, एक अन्य छात्रा रवीना ने लिखा है कि उसे भी नौंवी कक्षा में कहीं दाखिला नहीं मिल पाया।
गरीब माता-पिता उसे निजी स्कूल में नहीं पढ़ा सकते और सरकारी स्कूल में उसे दाखिला नहीं दिया जा रहा। इसी तरह अन्य बच्चों ने भी अपनी समस्याएं लिखी हैं।
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