मध्यप्रदेश में अधिकारी-कर्मचारी में नहीं रहेगा छोटे-बड़े का बैर
अधिकारी--कर्मचारी नहीं, सभी कहलाएंगे शासकीय सेवक -- मुख्यमंत्री के निर्देश पर जीएडी ने जारी किए आदेश
भोपाल। मध्यप्रदेश में अब मुख्य सचिव से लेकर भृत्य तक सभी शासकीय सेवक कहलाएंगे। सरकारी पत्राचार में किसी को भी अधिकारी-कर्मचारी नहीं लिखा जाएगा। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। दरअसल मंत्रालय एनेक्सी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि अधिकारी-कर्मचारी संबोधन दो वर्गो में बांटता हैं जबकि सभी सरकार के लिए काम कर रहे हैं।
कर्मचारी शब्द मुझे अच्छा नहीं लगता, सबको एक समान ही संबोधित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सामान्य प्रशासन विभाग ने तत्काल आदेश जारी कर सभी विभाग प्रमुखों सहित प्रदेश भर के सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सभी शासकीय पत्राचारों में किसी के नाम-पदनाम के साथ अधिकारी-कर्मचारी नहीं लगाया जाएगा।
इसके स्थान पर शासकीय सेवक लिखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा था कि मेरे पास कई कर्मचारी संगठन की मांग आई थी कि भृत्य का पदनाम बदलकर सम्मानजनक किया जाए। संबोधन में ब़़डे-छोटे का मतभेद मिटाने के लिए नया नाम दिया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रामायण के राम सेतू का जिक्र करते हुए कहा था कि सेतू बनाने के लिए गिलहरी द्वारा रेत के चार दाने ले जाने पर उसका उपहास हुआ था। इस पर भगवान राम ने उसका सहयोग सबसे ब़़डा मानते हुए कहा था कि यह सेतू के लिए अपना सर्वस्व दे रही है।