लखनऊ : सीएम के प्रोजेक्ट पर अफसरी अड़ंगा
वैसे तो अफसरों से काम कराना आसान नहीं होता है, लेकिन अगर मुख्यमंत्री के प्रोजेक्ट पर भी अफसर कुंडली मारकर बैठ जाएं तो इसे क्या कहेंगे। सुल्तानपुर रोड पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बनना है, लेकिन वहां बबूल के पेड़ निर्माण में बाधक बने हुए, लेकिन वन विभाग पेड़ों को काटने की अनुमति नहीं दे रहा है।
लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। वैसे तो अफसरों से काम कराना आसान नहीं होता है, लेकिन अगर मुख्यमंत्री के प्रोजेक्ट पर भी अफसर कुंडली मारकर बैठ जाएं तो इसे क्या कहेंगे। सुल्तानपुर रोड पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बनना है, लेकिन वहां बबूल के पेड़ निर्माण में बाधक बने हुए, लेकिन वन विभाग पेड़ों को काटने की अनुमति नहीं दे रहा है। इसी तरह जनेश्वर मिश्र लखनऊ पार्क के लिए गोमतीनगर से अंडरपास बनाने की योजना भी फाइलों का ही हिस्सा बन गई है। योजनाओं से जुड़े अधिकारी मान रहे हैं कि अगर इसी तरह से लापरवाही होती रही तो समय पर प्रोजेक्ट पूरा होने से रहा।
शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के लिए प्रस्तावित स्थल पर बबूल के पेड़ काटे जाने का डिमांड वन विभाग से न मिलने का मामला फिर उठा। एलडीए के कार्यवाहक उपाध्यक्ष एपी तिवारी को प्रमुख वन संरक्षक जेएस अस्थाना से बात करनी पड़ी, क्योंकि जिले स्तर पर वन विभाग महकमा इस मामले को लटकाए हुए हैं। दरअसल पेड़ काटने का डिमांड पत्र स्टेडियम का निर्माण कराने वाली निजी विकासकर्ता को लेना है, इसलिए वन विभाग एनओसी देने में लेट-लतीफी कर रहा है, जिस कारण परियोजना का काम भी लटक रहा है। यह स्टेडियम करीब पचास हजार लोगों की क्षमता का बनाया जाना है और तीन साल वाला अंतर्राष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम भी गोमतीनगर विस्तार में बनाया जाएगा।
तीन साल में स्टेडियम बनाने का लक्ष्य रखा गया है। गोमतीनगर स्टेडियम का इंतजार खिलाड़ियों को काफी दिनों से है क्योंकि आधुनिक किस्म के इस स्टेडियम में रात्रि मैच भी हो सकेंगे। और इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय मैचों की मेजबानी राजधानी को मिल सकेगी। अभी तक अंतर्राष्ट्रीय मैचों की मेजबानी उत्तर प्रदेश में सिर्फ कानपुर के ग्रीन पार्क को ही मिल रही है। पेड़ों को काटे जाने के लिए डिमांड न दिए जाने के संबंध में डीएफओ सुरेश यादव का कहना है कि दो तीन दिन में डिमांड दे दिया जाएगा। पेड़ों का सर्वे चल रहा था। बताते हैं कि दो तीन की संख्या में ही बबूल के पेड़ निर्माण में बाधक है, जिसके सर्वे में दो माह का समय बीत गया। इन मामलों को देखते हुए साफ है मुख्यमंत्री के प्रोजेक्ट अफसरी अड़ंगा लगा हुआ है और इसके इतने हल्के में लेने वाले अफसर किस तरह अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन में तत्परता दिखाते होंगे।
रेलवे अंडरपास भी फंसा
गोमतीनगर विस्तार में 376 एकड़ हरित पट्टी भूमि पर जनेश्वर मिश्र पार्क लखनऊ का निर्माण होना है। पांच अगस्त को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इसका लोकार्पण करेंगे और काम तेजी से चल रहा है, लेकिन सेतु निगम की लापरवाही से अभी अंडरपास से जुड़ा कोई काम नहीं शुरू किया है। एलडीए के अधिशासी अभियंता रोहित खन्ना का कहना है कि दो माह पूर्व ही सेतु निगम को दो करोड़ रुपये दिया गया था, लेकिन अभी तक कोई काम नहीं शुरू किया गया है। उधर, सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक घनश्याम पांडेय इतना कहते हैं कि मुख्य काम रेलवे को करना है और अधिक जानकारी महाप्रबंधक देंगे। सेतु निगम के महाप्रबंधक डीएस अरोरा से बात की गई तो वह वाहन चला रहे थे और उसके बाद उन्होंने मोबाइल फोन रिसीव नहीं किया। जनेश्वर मिश्र पार्क को गोमती बंधे से होकर संपर्क मार्ग निर्मित किए जाने और उत्तर रेलवे लाइन दिलकुशा बाराबंकी प्रखंड पर इस अंडरपास का निर्माण किया जाना है। इस पर 39 करोड़ रुपये खर्च होना है। काम शुरू करने के लिए सेतु निगम को दो करोड़ रुपये दिए गए थे।