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दमन की कोशिश हुई तो अपनाएंगे भगत सिंह का रास्‍ता : हार्दिक

पटेल समाज का युवा आज पढ़ने के बाद भी बेरोजगार है, नौकरी के लिए 25-25 लाख रुपए की रिश्वत देना पड़ती है। गुजरात सहित पूरे देश में पाटीदार-पटेल को अपनी संख्या के आधार पर आरक्षण दिया जाना चाहिए। हम अपना आंदोलन गांधीवादी तरीके से करना चाहते हैं लेकिन हमारा दमन

By Sachin kEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2015 12:01 PM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2015 12:03 PM (IST)

रतलाम। पटेल समाज का युवा आज पढ़ने के बाद भी बेरोजगार है, नौकरी के लिए 25-25 लाख रुपए की रिश्वत देना पड़ती है। गुजरात सहित पूरे देश में पाटीदार-पटेल को अपनी संख्या के आधार पर आरक्षण दिया जाना चाहिए। हम अपना आंदोलन गांधीवादी तरीके से करना चाहते हैं लेकिन हमारा दमन करने की कोशिश हुई तो भगतसिंह का रास्ता भी अपनाएंगे।

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यह बात पटेल नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष व पटेल नेता हार्दिक पटेल ने रविवार को मीडिया से चर्चा में कही। वे पाटीदार समाज की महापंचायत को संबोधित करने रतलाम आए थे। पटेल ने कहा कि मप्र में ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत है, इसे बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया जाए।

राजकोट मैच के 16 हजार टिकट खरीदे

पटेल ने कहा अपनी मांगों और विश्व में पाटीदार समाज की समस्याओं को बताने के लिए राजकोट में होने वाले भारत-साउथ अफ्रीका मैच में समाजजन विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए मैच के 16 हजार टिकट खरीदे हैं। 18 हजार टिकट और खरीदेंगे। स्टेडियम के बाहर भी 50 हजार लोग जमा रहेंगे।

न भाजपा न कांग्रेस

हार्दिक ने कहा कि उनका न तो भाजपा से संबंध है ना ही कांग्रेस से। केजरीवाल से भी कोई नाता नहीं है। भाजपा के असंतुष्ट धड़े द्वारा समर्थन करने की बात पर उन्होंने कहा कि उन्हंे किसी का समर्थन नहीं है।

राजनीति में आने का फैसला समाज का

राजनीति में आने व पार्टी बनाने के प्रश्न पर हार्दिक ने बताया कि अभी उनकी उम्र 22 वर्ष है। चुनाव लड़ने के लिए 25 वर्ष की उम्र होना चाहिए। तीन साल तक वे समाज व संगठन को खड़ा करेंगे। इसके बाद अगर समाज तय करता है तो राजनीति में भी आएंगे।

गलत के लिए हिंसा भी सही

गुजरात में दिए गए भाषण को भड़काऊ कहे जाने पर पटेल ने कहा कि यदि पुलिस घर में घुसकर मां-बहनों के साथ अभद्रता करती है तो हमें वहीं करना चाहिए जो कि एक गुंडे के साथ किया जाता है। गीता का हवाला देते हुए उन्होंने गलत के विरोध में हिंसा को सही ठहराते हुए कहा कि हम गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। पर भगतसिंह का तरीका भी आता है।

गुजरात मॉडल सिर्फ दिखावा

विकास के नाम पर गुजरात मॉडल सिर्फ दिखावा है। किसानों को 24 घंटे बिजली देने की बात कही जा रही है लेकिन बिजली नहीं मिलती। गत एक सप्ताह में ही 2 किसानों ने आत्महत्या कर ली। आंदोलन में पटेल समाज के 9 भाइयों को गोली मार दी गई, जबकि पुलिस आंसू गैस या लाठीचार्ज भी कर सकती थी। सरकार कह रही है कि अनुमति नहीं दी और पुलिस सरकार के कहने पर गोली चलाने की बात कह रही है।

सभी सरकारों ने शोषण किया

देश में पटेल समाज की बड़ी संख्या होने के बावजूद सभी सरकारों ने समाज की उपेक्षा की। मप्र में भी एक भी राज्यसभा मेम्बर पाटीदार समाज से नहीं है। आरक्षण कभी खत्म नहीं हो सकता, क्योंकि ब्लॉक लेवल से केंद्र स्तर तक कई जगह आरक्षण की व्यवस्था लागू है। ऐसे में आरक्षण देने की समीक्षा होना चाहिए। मप्र के उज्जैन 1974 में नौका विहार के नाम पर पटेल समाज की जमीन ली गई थी, लेकिन आज तक वहां कोई काम नहीं हुआ है। सरकार यह जमीन वापस समाज को लौटाएं।

पढ़ेंः गुजरात मॉडल की पोल खोलेंगे हार्दिक


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