काम के लिए खाड़ी देश जाने से कतराने लगे भारतीय, ये हो सकती है बड़ी वजह
काम के लिए खाड़ी देशों का रुख करने वाले भारतीयों की संख्या पहले काफी थी, मगर अब इस स्थिति कुछ ऐसी है कि लोगों की दिलचस्पी घटने लगी है।
नई दिल्ली। पिछले कुछ सालों में काम के लिए खाड़ी देशों की ओर रुख करने वाले भारतीयों की संख्या में कमी आई है। संभवत: यह गल्फ कॉपरेशन काउंसिल (जीसीसी) में शामिल देशों की अर्थव्यवस्थाओं में आई मंदी की वजह से हुआ है, जहां खास तौर से 2014 से 2016 के बीच तेल की कीमतों में काफी गिरावट आई है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, खाड़ी देश जाने वाले भारतीय कर्मचारियों की संख्या 2014 में 775,845 थी, जो कि 2016 में घट कर 507,296 हो गई।
आतंकवाद भी एक वजह
वहीं बात करें आतंकवाद संबंधी समस्या की तो आतंकी संगठन आइएस ने बड़े पैमाने पर इराक-सीरिया में तबाही मचाई है, मगर इसके कारण पैदा हुई अस्थिरता के बाद पूरे क्षेत्र को लेकर ही लोगों की राय बदल गई है।
खाड़ी देशों में प्रवास करने वाले भारतीय कर्मचारियों की संख्या में कमी आने की वजह से इन देशों से भारत भेजे जाने वाली धनराशि भी प्रभावित हुई है। हालांकि इसका कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं है, लेकिन भारत में विदेशों से आने वाली कुल धनराशि 2014-15 के बीच 69,819 मिलियन डॉलर थी, जो 2015-16 में घटकर 65,592 मिलियन डॉलर रह गई।
सऊदी अरब सबसे ज्यादा प्रभावित
सऊदी अरब जाने वाले भारतीयों की संख्या में सबसे ज्यादा गिरावट आई है। 2014 में जहां 329,882 भारतीय सऊदी गए, वहीं साल 2016 में सिर्फ 165,356 भारतीय ही सऊदी पहुंचे। यानी लगभग 50 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। इसकी एक बड़ी वजह सऊदी में तेल की कीमतों में गिरावट के बाद आई आर्थिक मंदी है। मगर पिछले कुछ सालों में सऊदी अरब भी उस नीति पर काम कर रहा है, जिसके तहत विदेशियों से ज्यादा अपने नागरिकों को नौकरी दी जा रही है।
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