संसदीय समिति की अध्यक्षता भाजपा के हाथों गंवा सकती है कांग्रस
महत्वपूर्ण संसदीय समिति की अध्यक्षता कांग्रेस अब जल्द भाजपा के हाथों गंवा सकती है। भाजपा नेताओं ने इस बारे में कांग्रेस नेतृत्व को आगाह भी कर दिया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र: राज्यसभा में सांसदों का आंकड़ा 57 तक सिमटने के बाद कांग्रेस के समक्ष नए तरह का संकट मंडराने लगा है। महत्वपूर्ण संसदीय समिति की अध्यक्षता कांग्रेस अब जल्द भाजपा के हाथों गंवा सकती है। भाजपा नेताओं ने इस बारे में कांग्रेस नेतृत्व को आगाह भी कर दिया है।
संसद के ऊपरी सदन में कुल आठ संसदीय समिति फिलहाल कार्यरत हैं। इनमें तीन की अगुआई कांग्रेस के पास है जबकि भाजपा दो में अध्यक्षता कर रही है। सपा, जदयू व तृणमूल एक-एक संसदीय समिति का नेतृत्व कर रही हैं। इसके अतिरिक्त विभागों से संबद्ध 24 स्टेडिंग कमेटियों का नए कार्यकाल के लिए दोबारा गठन होगा।
यहां जिस संसदीय समिति में फेरबदल की बात हो रही है, उसकी अगुआई कांग्रेस के सांसद आनंद शर्मा कर रहे हैं। कार्मिक, कानून व न्याय के मामलों से जुड़ी समिति अभी राजनीतिक चंदे से जुड़ी एक रिपोर्ट को पूरा करने के कगार पर है। इसकी अगुआई अब भाजपा के सांसद भूपेंद्र यादव कर सकते हैं। उधर, कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह संवैधानिक उथल-पुथल पैदा कर रही है। कांग्रेस इसका विरोध करेगी।
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में अब भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दलों के 57-57 सदस्य हैं। पहले कांग्रेस के पास यहां पर बढ़त थी, लेकिन हाल में हुए विधानसभा चुनावों में जीत के बाद भाजपा को काफी बढ़त मिली है। इसका असर सरकार की कार्यप्रणाली पर साफ तौर पर दिख रहा है।
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