लालू और रमन की सुरक्षा से हटी एनएसजी
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह की एनएसजी ब्लैक कमांडो की सुरक्षा वापस ले ली गई है। इसकी जगह उन्हें सीआरपीएफ की सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
नई दिल्ली। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह की एनएसजी ब्लैक कमांडो की सुरक्षा वापस ले ली गई है। इसकी जगह उन्हें सीआरपीएफ की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। उनके सुरक्षा स्तर में कोई बदलाव नहीं किया गया है और जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिलती रहेगी। लेकिन लालू प्रसाद को यह सुरक्षा भी केवल दिल्ली व बिहार में और रमन सिंह को छत्तीसगढ़ में ही मिलेगी।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आतंकरोधी कार्रवाई और विमान अपहरण की वारदातों से निपटने के लिए विशेष रूप से गठित एनएसजी लंबे समय से वीवीआइपी सुरक्षा से मुक्ति की मांग कर रही थी। रमन सिंह और लालू प्रसाद की सुरक्षा से एनएसजी को हटाने का फैसला इसी को ध्यान में रखकर किया गया है।
वैसे अब भी एनसीजी लगभग एक दर्जन वीवीआइपी की सुरक्षा में तैनात है, जिनमें भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी व मुरली मनोहर जोशी, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, बसपा प्रमुख मायावती, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, द्रमुक प्रमुख के. करुणानिधि और अन्नाद्रमुक प्रमुख जे. जयललिता शामिल हैं।
लालू प्रसाद की सुरक्षा जहां सीमित की गई है, वहीं बिहार विधानसभा चुनावों को देखते हुए राज्य के कई भाजपा नेताओं को सीआरपीएफ की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। इनमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मंगल पांडेय, महाराजगंज से भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल और पूर्व राजद सांसद उमाशंकर सिंह के बेटे जीतेंद्र स्वामी शामिल हैं।
महाराजगंज से कांग्रेस के टिकट पर उपचुनाव हारने के बाद स्वामी भाजपा में शामिल हो गए थे। इन सभी को वाई श्रेणी की सीआरपीएफ की सुरक्षा दी गई है। वहीं जम्मू से भाजपा के ताकतवर नेता और पीडीपी-भाजपा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री लाल सिंह को जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है।