अब रेलवे पूछेगा यात्रियों से 'कैसा रहा सफर'
ट्रेनों में सफर के दौरान यात्री बिजली, पानी, गंदगी, खानपान आदि समस्याएं झेलते हैं। इसकी सुनवाई नहीं होती। हद की सीमा पार होने पर कभी-कभी यात्री समूह में स्टेशन पर हंगामा करके संतोष कर लेते हैं। अब ऐसा नहीं चलेगा। सफर के दौरान होने वाली पीड़ा को रेलवे ने समझा और ऐसी व्यवस्था बनाई गई है कि रेलवे बोर्ड के अधिकारी सीधे सेलफोन पर यात्री से बात करके समस्या सुनेंगे। इसकी रिपोर्ट संबंधित अधिकारी तक हर रोज शाम तक पहुंच जाएगी। इस पर अधिकारियों से रेल मंत्रा
वाराणसी [जासं]। ट्रेनों में सफर के दौरान यात्री बिजली, पानी, गंदगी, खानपान आदि समस्याएं झेलते हैं। इसकी सुनवाई नहीं होती। हद की सीमा पार होने पर कभी-कभी यात्री समूह में स्टेशन पर हंगामा करके संतोष कर लेते हैं। अब ऐसा नहीं चलेगा। सफर के दौरान होने वाली पीड़ा को रेलवे ने समझा और ऐसी व्यवस्था बनाई गई है कि रेलवे बोर्ड के अधिकारी सीधे सेलफोन पर यात्री से बात करके समस्या सुनेंगे। इसकी रिपोर्ट संबंधित अधिकारी तक हर रोज शाम तक पहुंच जाएगी। इस पर अधिकारियों से रेल मंत्रालय भी सवाल जबाव करेगा।
रविवार को रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के निजी सचिव [आइएएस] नितिश्वर कुमार ने मीडिया को जानकारी दी। बताया कि परीक्षण के तौर पर यह व्यवस्था पहले चरण में पांच ट्रेनों वाराणसी-नई दिल्ली शिवगंगा, दिल्ली-अहमदाबाद, दिल्ली -बड़ौदा, नई दिल्ली-बेंगलूरु और नई दिल्ली-त्रिवेंद्रम एक्सप्रेस में की गई है। परीक्षण सफल रहा तो सभी गाड़ियों में लागू करने की योजना है।
यह कैसे संभव होगा? इस सवाल के जबाव में कुमार ने बताया कि यात्री आरक्षण कराते समय फार्म में सेलफोन नंबर लिखते हैं। वही नंबर संवाद का माध्यम बनेगा। उसी नंबर पर टेलीफोन करके यात्रियों का विचार लिया जाएगा। सकारात्मक या नकारात्मक विचार संबंधित अधिकारी तक पहुंचा दिया जाएगा। इसपर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही भी तय की जाएगी।
क्या लाभ होगा के प्रश्न पर निजी सचिव ने कहा कि बार-बार की रिपोर्ट से अधिकारी खुद में सुधार लाएंगे। संबंधित जोन, मंडल व क्षेत्र की मानीटरिंग करेंगे। इससे व्यवस्था सुधरेगी। साथ ही सुधार न होने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।