स्मार्ट सिटी से रेलवे स्टेशन भी बनेंगे स्मार्ट, दोनों मंत्रालय के बीच हुआ ये करार
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने नायडू की बातों का समर्थन किया है। प्रभु ने कहा कि रेलवे स्टेशन शहर के प्रमुख स्थल होते हैं, जहां से सभी जुड़े होते हैं।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश के सभी स्मार्ट सिटी के रेलवे स्टेशन और आसपास के क्षेत्रों को स्मार्ट बनाया जायेगा। रेलवे स्टेशनों पर जन सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। स्टेशनों पर पहुंचने वाली सड़कें वहां खाली पड़ी रेलवे की जमीनों को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा। रेलमंत्री सुरेश प्रभु और शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू की उपस्थिति में दोनों मंत्रालयों के बीच एक समझौता किया गया।
स्मार्ट सिटी के साथ रेलवे स्टेशनों को स्मार्ट बनाने के समझौते पर स्मार्ट सिटी मिशन के निदेशक डाक्टर समीर शर्मा और रेलवे के सलाहकार राजीव चौधरी ने हस्ताक्षर किया। इस मौके पर दोनों मंत्रियों ने इस संयुक्त प्रयास को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि बिना स्मार्ट रेलवे स्टेशन के कोई शहर स्मार्ट हो नहीं सकता है। नायडू ने इस मौके पर कहा कि स्मार्ट सिटी के गुणवत्तापूर्ण जीवन स्तर के लिए रेलवे स्टेशन का स्मार्ट होना जरूरी है। उन्होंने सरकार की इस पहल में स्थानीय लोगों की सहभागिता को आवश्यक बताया।
नायडू ने कहा कि इसकी पहले चरण की शुरुआत दस प्रमुख शहरों से की जाएगी। इसमें नेशनल बिल्डिंग कांस्ट्रक्शन कारपोरेशन की अहम भूमिका होगा। इन शहरों में सराय रोहिल्ला, भुबनेश्वर, लखनऊ, वाराणसी, जयपुर, कोटा, थाणे, मागगांव (गोवा), तिरुपति व पुडुचेरी के नाम प्रमुख हैं।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने नायडू की बातों का समर्थन किया है। प्रभु ने कहा कि रेलवे स्टेशन शहर के प्रमुख स्थल होते हैं, जहां से सभी जुड़े होते हैं। वहां भीड़भाड़ की स्थिति भी बनती है। स्मार्ट रेलवे स्टेशन होने से शहरों की सूरत बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि आनंद विहार, सूरत और गांधीनगर एडवांस स्टेज पर हैं। इन परियोजनाओं में जर्मनी, फ्रांस, जापान, दक्षिण कोरिया, इंग्लैंड और बेल्जियम ने इस दिशा में रुचि दिखाई है।
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चयनित एक सौ शहरों के रेलवे स्टेशनों को पहले चरण में लिया जाएगा। इनमें अमृत योजना में शामिल पांच सौ शहरों के रेलवे स्टेशन भी इसके दायरे में आएंगे। स्मार्ट स्टेशनों पर यात्रियों की सुख सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा, जिसमें स्टेशन तक पहुंचने के लिए साधन मुहैया कराये जाएंगे। प्रतीक्षा कक्ष, रिहायशी और वाणिज्यिक स्थलों की लैंड स्केपिंग आदि का विकास किया जाएगा। स्मार्ट रेलवे के विकास को गठित की जाने वाली विशेष कंपनी (एसपीवी) कार्य करेगी।
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