पर्यावरण मंजूरी के लिए दिल्ली के चक्कर लगाने से निजात
पर्यावरण मंजूरी के लिए अब दिल्ली के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। मोदी सरकार ने अपने शुरुआती 100 दिनों में ही अहम फैसला करते हुए पर्यावरण और वन मंजूरी की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है। ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत अब तक ढाई सौ से अधिक परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है।
नई दिल्ली। पर्यावरण मंजूरी के लिए अब दिल्ली के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। मोदी सरकार ने अपने शुरुआती 100 दिनों में ही अहम फैसला करते हुए पर्यावरण और वन मंजूरी की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है। ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत अब तक ढाई सौ से अधिक परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को कहा, पर्यावरण व वन मंजूरी के लिए अब किसी को मंत्रालय आने की जरूरत नहीं है। ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत, नियमानुसार परियोजनाओं को मंजूरी दी जा रही है। अब तक 219 पर्यावरण तथा 40 से 50 वन मंजूरी दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि सरकार ने एक और अहम फैसला किया है जिसके तहत 40 हेक्टेयर तक की वन भूमि के किसी अन्य इस्तेमाल के लिए मंजूरी के लिए फाइल दिल्ली नहीं भेजनी पड़ेगी। इसकी मंजूरी क्षेत्रीय अधिकार प्राप्त समितियां दे सकेंगी। ज्ञात हो, अब तक 5 हेक्टेयर से अधिक की वन भूमि का किसी अन्य कार्य के लिए इस्तेमाल की मंजूरी लेने के लिए फाइल दिल्ली आती थी। जावड़ेकर ने कहा, अब 90 फीसद से अधिक प्रस्तावों को क्षेत्रीय कार्यालयों से ही मंजूरी मिल जाएगी। सिर्फ 10 फीसद प्रस्तावों को मंजूरी के लिए ही मंत्रालय आना पड़ेगा।
उन्होंने कहा, मोदी सरकार ने एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय यह किया है कि राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन के संबंध में शक्तियों का विकेंद्रीकरण किया है। क्षेत्रीय स्तर पर मंजूरी देने वाली समितियों में राज्यों के अफसरों को भी शामिल किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, सरकार ने वामपंथी चरमपंथ से प्रभावित क्षेत्रों में वन मंजूरी को सामान्य मंजूरी योजना के तहत लाने का फैसला किया है। इस फैसले से देश के 117 जिलों में विकास कार्यो में तेजी आएगी।