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ई-रिक्शा नियमित करने को अधिसूचना का मसौदा तैयार

ई-रिक्शा पर रोक हटवाने की कोशिशों में जुटी केंद्र सरकार ने इन्हें नियमित करने के लिए अधिसूचना का मसौदा तैयार कर लिया है। इसे वेबसाइट पर डालकर जनता से राय मांगी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 10 दिन बाद ई-रिक्शा नियमित करने की अधिसूचना जारी की जाएगी और इससे जुड़ी समस्याओं

By Edited By: Published: Tue, 16 Sep 2014 08:34 AM (IST)Updated: Tue, 16 Sep 2014 08:35 AM (IST)
ई-रिक्शा नियमित करने को अधिसूचना का मसौदा तैयार

नई दिल्ली। ई-रिक्शा पर रोक हटवाने की कोशिशों में जुटी केंद्र सरकार ने इन्हें नियमित करने के लिए अधिसूचना का मसौदा तैयार कर लिया है। इसे वेबसाइट पर डालकर जनता से राय मांगी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 10 दिन बाद ई-रिक्शा नियमित करने की अधिसूचना जारी की जाएगी और इससे जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

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गडकरी सोमवार को सरकार के सौ दिन पर अपने मंत्रालय की उपलब्धियों से संबंधित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, अधिसूचना का मसौदा तैयार कर लिया गया है। 10 दिनों बाद इसे जारी कर दिया जाएगा। इसमें कोर्ट की तमाम चिंताओं का समाधान किया गया है। 10 दिन बाद कानूनी संशोधनों पर निर्णय ले लिया जाएगा। गडकरी ने कहा, ई-रिक्शा पर राजनीति से मेरा कुछ लेना-देना नहीं है। हमने तो हाथ रिक्शा जैसा मानते हुए गरीबों के रोजगार के मद्देनजर इन्हें मोटर वाहन अधिनियम से बाहर किया था। इन पर रोक से मुझे बहुत पीड़ा हुई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने ई-रिक्शे को खतरनाक बताते हुए इसी साल 31 जुलाई को दिल्ली समेत पूरे देश में इनके परिचालन पर रोक लगा दी थी और कई सुनवाई के बाद भी रोक हटाने को तैयार नहीं हुआ। 9 सितंबर को हुई सुनवाई में भी कोर्ट ने कहा था कि हम गैरकानूनी कार्य की इजाजत कैसे दे सकते हैं? मौजूदा कानून के अनुसार ई-रिक्शा गैरकानूनी है। लिहाजा जब तक सरकार कानून में संशोधन नहीं करती, रोक जारी रहेगी। कोर्ट ने इस संबंध में कदम उठाने की जिम्मेदारी सरकार और संसद पर छोड़ दी थी। दूसरी ओर, केंद्र सरकार व ई-रिक्शा चालकों से जुड़े संगठनों की दलील थी कि जब तक ई-रिक्शा की बाबत सरकार और संसद की ओर से समुचित प्रावधान नहीं हो जाते, सरकार के तात्कालिक दिशानिर्देशों के आधार पर इन्हें चलाने की अनुमति दी जानी चाहिए। इससे हजारों गरीब परिवारों का रोजी-रोटी का संकट दूर होगा और साथ ही आम लोगों को सस्ती सवारी का साधन भी मिल जाएगा।

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