भारत ही नहीं, सात समुंदर पार भी है बीएचयू का क्रेज
चयन समिति से जुड़े एक सदस्य ने बताया कि उन्हें इस महीने के अंत तक चयन प्रक्रिया को पूरी करने को कहा गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का क्रेज देश में ही नहीं, बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में बरकरार है। इसका अंदाजा सिर्फ इसी से लगाया जा सकता है कि बीएचयू का कुलपति बनने के लिए देश के साथ-साथ दुनिया के दूसरे देशों में उच्च पदों पर काम रहे भारतीय भी लालायित है।
इनमें ज्यादातर वैज्ञानिक और शिक्षाविद् है। इसके अलावा भी इस पद के लिए दूसरे विश्वविद्यालयों के करीब 24 मौजूदा कुलपति और करीब 30-35 महिलाओं ने भी दावेदारी की है। इनमें कुछ पूर्व ब्यूरोक्रेट्स शामिल भी है।
बीएचयू को लेकर यह चौंकाने वाली जानकारी हाल ही में बीएचयू कुलपति के लिए आए आवेदनों को सूचीबद्ध करने के दौरान सामने आयी है। सूत्रों की मानें तो बीएचयू कुलपति के लिए करीब 300 आवेदन आए है। इनमें करीब दर्जनभर आवेदन विदेशों में रह रहे भारतीयों के भी है। जो मौजूदा समय में किसी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर या रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक के रुप में काम कर रहे है।
फिलहाल इन सभी नामों की सूची और बायोडाटा चयन समिति को भेज दी गई है। जहां इन नामों को लेकर पड़ताल भी शुरु हो गई है। माना जा रहा है कि चयन समिति हफ्ते के अंत तक इसे लेकर बैठक करेगी। इसके बाद योग्य उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा।
चयन समिति से जुड़े एक सदस्य ने बताया कि उन्हें इस महीने के अंत तक चयन प्रक्रिया को पूरी करने को कहा गया है। इसे लेकर काम शुरु हो गया है। बीएचयू कुलपति के चयन को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पिछले हफ्ते ही तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। इनके अध्यक्ष प्रख्यात अर्थशास्त्री विजय केलकर को बनाया गया है,जबकि आईआईटी रूड़की के डायरेक्टर अजित कुमार चतुर्वेदी और आईआईटी गांधीनगर के डायरेक्टर सुधीर कुमार जैन को सदस्य बनाया गया है। राष्ट्रपति से मंजूरी के बाद कमेटी ने अपना काम भी शुरु कर दिया है।
बीएचयू के लिए नए कुलपति के नियुक्ति की यह प्रक्रिया पिछले दिनों विवादों में आने के बाद मौजूदा कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने लंबी छुट्टी पर जाने के बाद शुरु की गई है। वैसे भी बीएचयू के त्रिपाठी का कार्यकाल 27 नवंबर को खत्म हो रहा है।
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