1947 से ही खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे मुस्लिम
अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने इस दावे को खारिज किया है कि भाजपा सरकार आने के बाद मुस्लिम खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय आजादी के बाद से ही अलग-थलग महसूस कर रहे हैं और इसका कारण कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों की
नई दिल्ली। अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने इस दावे को खारिज किया है कि भाजपा सरकार आने के बाद मुस्लिम खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय आजादी के बाद से ही अलग-थलग महसूस कर रहे हैं और इसका कारण कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों की नीतियां थीं।
हेपतुल्ला ने कहा, मुस्लिम अलग-थलग पड़े हैं, क्योंकि वे आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हैं। लेकिन अब लोग कह रहे हैं कि बयानों के कारण मुस्लिमों को ऐसा लग रहा है। जबकि मुस्लिमों में यह भावना आजादी के बाद से ही है। दक्षिणपंथी संगठनों के नेताओं की ओर से आपत्तिजनक और नफरतभरे बयानों के अल्पसंख्यक समुदाय पर पड़ रहे असर को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने यह बात कही।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए हेपतुल्ला ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में इस पार्टी ने मुस्लिमों को लेकर केवल बयानबाजी की लेकिन मौजूदा सरकार ने नीतिगत कदमों और योजनाओं के जरिये उन्हें वास्तविक सहूलियत दी है। हालांकि, केंद्रीय मंत्री ने कुछ भाजपा नेताओं और मंत्रियों के आपत्तिजनक बयानों पर टिप्पणी करने से इंकार किया। उनसे विवादित 'घर वापसी' कार्यक्रम और कुछ राज्यों में गौमांस पर प्रतिबंध से जुड़े बयानों को लेकर यह सवाल पूछे गए थे। इसके अलावा हेपतुल्ला ने अमेरिकी समिति की उस रिपोर्ट को भी खारिज किया है जिसमें कहा गया है कि भारत में वर्ष 2014 के आम चुनाव के बाद से संप्रदायों के बीच माहौल खराब हुआ है।
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