फांसी की सजा को खत्म करने के पक्ष में नहीं है सरकार
लॉ कमीशन के सुझाव का जिक्र करते हुए रिजिजू ने कहा लॉ कमीशन ने आतंकवाद और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के मामले को छोड़कर किसी को फांसी की सजा ना देने का सुझाव दिया है।
नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि वो फांसी की सजा खत्म करने के पक्ष में नहीं है। सरकार का कहना है कि मौजूदा हालातों को देखते हुए मौत का सजा खत्म करना उपयुक्त नहीं है।
सीपीआई नेता डी राजा ने राज्यसभा में फांसी की सजा का मामला उठाया था जिसके जवाब में केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने सरकार की तरफ से जवाब दिया। हालांकि डिप्टी चेयरमैन पी जे कुरियन ने डी राजा को अपना प्रस्ताव वापस लेने के लिए भी कहा था लेकिन उन्होंने ये कहते हुए पी जे कुरियन की बात को नकार दिया कि उन्होंने फांसी की सजा को खत्म कराने को मिशन के तौर पर ले लिया है।
सरकार की तरफ से बयान देते हुए रिजिजू ने कहा कि किसी को फांसी की सजा देने से पहले दोषी के सामाजिक-आर्थिक परिवेश के अलावा उसका स्वास्थ, उम्र जैसे तमाम पहलुओं पर गौर किया जाता है।
लॉ कमीशन के सुझाव का जिक्र करते हुए रिजिजू ने कहा लॉ कमीशन ने आतंकवाद और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के मामले को छोड़कर किसी को फांसी की सजा ना देने का सुझाव दिया है।
पिछले साल जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक 1998 से लेकर 2013 के बीच 2052 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है। हालांकि 2000 के बाद से सिर्फ 4 लोगों को ही फांसी पर चढ़ाया गया है। पिछली फांसी जुलाई 2015 में 1993 मुंबर्ई बम धमाके के दोषी याकूब मेमन को दी गई थी।सदन ने डी राजा के प्रस्ताव को नकार दिया।