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गोरखपुर अस्पताल में हुई मौतें त्रासदी नहीं, स्पष्ट रूप से नरसंहार: कैलाश सत्यार्थी

नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने गोरखपुर मौतौं पर उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा, हमारे बच्चों के लिए 70 साल के आजादी के क्या यही मायने हैं?

By Srishti VermaEdited By: Published: Sat, 12 Aug 2017 11:49 AM (IST)Updated: Sat, 12 Aug 2017 01:19 PM (IST)
गोरखपुर अस्पताल में हुई मौतें त्रासदी नहीं, स्पष्ट रूप से नरसंहार: कैलाश सत्यार्थी

नई दिल्ली (एएनआई)। शांति के नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से हुई 48 मौतों की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि यह त्रासदी नहीं बल्कि यह स्पष्ट रुप से एक नरसंहार है। सत्यार्थी ने ट्विटर के जरिए ये बातें कहीं। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा, हमारे बच्चों के लिए 70 साल के आजादी के क्या यही मायने हैं? सीएम योगी से अपील करते हुए उन्होंने कहा, दशकों से चले आ रहे भ्रष्ट चिकित्सा व्यवस्था को सुधारने के लिए आपके एक सही निर्णय की जरुरत  है।

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इसी बीच सीएम योगी ने इस मामले की पूरी तरह से जांच के आदेश दे दिए हैं घटना के पीछे जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश भी दिया है। मीडिया से बात करते हुए आज योगी और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, मुख्यमंत्री ने हाल ही में अस्पताल का दौरा किया था लेकिन उन्हें किसी प्रकार की समस्या के बारे में सूचित नही किया गया। राज्य चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने भी कहा कि मामले की जांच के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने भी इस दिशा में अहम निर्देश दिए हैं। हम जल्द ही गोरखपुर जायेंगे और मामले का गहन विश्लेषण कर आगे का निर्णय लेंगे।

बताया जाता है कि, ऑक्सीजन की कमी से एंसेफ्लाइटिस की बीमारी होती है जिससे दिमाग पर इसका असर पड़ता है और बच्चे की मौत हो जाती है। बच्चों के परिवारों ने कहा है कि अस्पताल प्रबंधन सही तरीके से उनके इलाज के लिए गंभीरता नहीं दिखा रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, अस्पताल को मुफ्त में दवाइयों का वितरण करना चाहिए लेकिन यहां न तो पूरी तरह से मेडिकल सुविधाएं हैं और ना ही मरीजों को मुफ्त में दवाएं दी जाती हैं।

गोरखपुर के डीएम राजीव रौतेला ने कहा कि शुक्रवार को ये सूचना मिली थी कि अस्पताल में 48 घंटे के अंदर लगभग 30 बच्चों की ऑक्सीजन की कमी से मौत हो गई थी। इसके साथ ही उन्होंने ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता से ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं रोकने का आग्रह किया। रिपोर्ट के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार मेडिकल कॉलेज के पक्ष दिखाई दे रही है। सरकार का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी इस मौत का कारण नहीं है। राज्य चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि केवल 7 बच्चों की मौत आज हुई है। दो की मौत एईएस के कारण जबकि दो की मौत नॉन एईएस के कारण हुई है। 

जिला मजिस्ट्रेट ने कहा है कि अस्पताल में ऑक्सीजन सिलिंडर की पूरी व्यवस्था की गई थी लेकिन फिर हुई इस घटना के बाद जिम्मेदार लोगों की खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। आंकड़ों के अनुसार, बीआरडी अस्पताल में पिछले पांच दिनों में 7 अगस्त से 11 अगस्त तक कुल 60 लागों की मौत हो चुकी है।

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