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    जानिए, क्यों नहीं मिल रहे हैं एयर इंडिया को खरीदार

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Fri, 10 Jun 2016 08:39 AM (IST)

    नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि एयर इंडिया को यदि सरकार बेचना भी चाहे तो भी कोई इसे नहीं खरीदेगा। ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली, (पीटीआई)। नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि एयर इंडिया की बैलेंसशीट इतनी खराब है कि यदि सरकार इसे बेचना भी चाहे तो भी कोई इसे नहीं खरीदेगा। उन्होंने इसके विनिवेश की संभावनाओं से इनकार किया। साथ ही यह भी कहा कि करदाताओं के धन को अनंतकाल तक इस पर खर्च नहीं किया जा सकता है।

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    एयर इंडिया पर लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। 2007 में एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के आपसी विलय के बाद से यह विमानन कंपनी घाटे में है। इसकी स्थिति सुधारने के लिए पूर्व संप्रग सरकार ने 30 हजार करोड़ रुपये का बेलआउट पैकेज दिया था।

    हवाई किराये की अधिकतम सीमा तय नहीं करेगी सरकार

    सरकार ने विमानन क्षेत्र को बड़ी राहत देते हुए हवाई किराये की सीमा तय करने से इनकार कर दिया है। उसे लगता है कि विमानन कंपनियों की आपसी प्रतिस्पर्धा से इस समस्या का हल निकल आएगा।

    यात्रियों ने व्यस्त अवधि के दौरान हवाई टिकट के मूल्यों में कंपनियों की ओर से मनमाने ढंग से बढ़ोतरी की शिकायतें की हैं। विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा है कि किराये की सीमा तय करने से सरकार के रीजनल कनेक्टिविटी प्लान को झटका लग सकता है। वजह यह है कि ऐसा कदम एयरलाइनों को कम मुनाफे वाले रूटों पर सेवाएं देने से हतोत्साहित करेगा। कारोबारी दृष्टि से यह सही नहीं होगा। उन्होंने यह जरूर कहा कि जल्द ही कुछ यात्री केंद्रित उपायों का एलान किया जाएगा। इनमें समयबद्ध शिकायत निवारण तंत्र शामिल है।

    उम्मीद है कि सरकार टिकट रद करने के शुल्क को तर्कसंगत बनाने के लिए कुछ कदमों का एलान करेगी। इसकी सीमा बेस फेयर के आसपास रखे जाने की उम्मीद है। अभी यह हद से ज्यादा है। मंत्री ने कहा कि बीते कुछ सालों में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआइ) ने कम से कम 32 एयरपोर्ट बनाए हैं। इन पर तीन हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हुआ है। ये अब तक जुड़े नहीं हैं। बाजार आधारित किरायों पर किसी भी तरह का प्रतिबंध इन हवाई अड्डों से सेवा शुरू करने की सरकार की योजना को जोखिम में डाल सकता है। हवाई किरायों की अधिकतम सीमा तय करने से एविएशन सेक्टर पर प्रतिकूल असर होगा। मंत्रालय कीमतों पर निरंतर नजर रखता है ताकि सुनिश्चित किया जा सके इन पर अंकुश बना रहे।राजू का बयान ऐसे समय आया है जब व्यस्त अवधि के दौरान हवाई टिकट के मूल्यों में तेज उठापटक से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए सरकार तमाम तरीकों पर चर्चा कर रही है। बीते महीने विमानन राज्यमंत्री महेश शर्मा ने एलान किया था कि जल्द किरायों की सीमा तय की जाएगी।

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