उत्पाद शुल्क को लेकर जीएसटी कानून में कमजोरी नहीं: अढि़या
सरकार ने पिछले 16 सितंबर को जीएसटी के संबंध में संविधान संशोधन अधिनियम की अधिसूचना जारी की थी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। अगले साल एक अप्रैल से उत्पाद शुल्क लगाये जाने पर उत्पन्न संशय खत्म करने के लिए वित्त मंत्रालय ने जीएसटी संविधान संशोधन अधिनियम के संबंध में जारी की गई अधिसूचना पर कहा है कि इससे किसी तरह की कानूनी दिक्कत नहीं आएगी।
सरकार ने पिछले 16 सितंबर को जीएसटी के संबंध में संविधान संशोधन अधिनियम की अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद कुछ विशेषज्ञों ने अगले साल एक अप्रैल से नया टैक्स लागू होने तक की अवधि में (एक अप्रैल से जीएसटी लागू न हो पाने पर) तमाम वस्तुओं पर उत्पाद शुल्क लगाये जाने पर वैधता को लेकर संदेह व्यक्त किया था।
इस पर राजस्व सचिव हसमुख अढि़या ने ट्वीट किया कि राजस्व विभाग ने केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगाये जाने वाले विभिन्न टैक्सों के संदर्भ में 10 और 16 सितंबर को जारी अधिसूचनाओं की वैधता और उसके परिणामों का अध्ययन किया है। इन अधिसूचनाओं में किसी तरह की कोई कानूनी कमजोरी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि विधि विभाग ने भी इसकी पुष्टि की है कि अधिसूचनाओं को लेकर किसी तरह का स्पष्टीकरण जारी करने की कोई कानूनी आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।
जीएसटीएन में बदलाव पर विचार
जीएसटी के लिए आइटी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की जिम्मेदारी संभाल रही प्राइवेट कंपनी जीएसटीएन में केंद्र सरकार को बहुमत हिस्सेदारी देने के उद्देश्य से इसके ढांचे पर गौर किया जा रहा है। इस समय जीएसटीएन में केंद्र के पास 24.5 फीसद और सभी राज्यों के पास 24.5 फीसद हिस्सेदारी है। बाकी 51 फीसद हिस्सेदारी गैर सरकारी वित्तीय संस्थान एचडीएफसी बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक और एलआइसी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के पास है। भारतीय राजस्व सेवा (कस्टम एंड सेंट्र एक्साइज) अधिकारियों के संगठन ने जीएसटीएन की मौजूदा पूंजी ढांचे पर संदेह जाहिर किया था।
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