वाह री नेतागिरी! 80 फीसद दानदाता 'गुमनाम'
इसे राजनीति का रहस्य कहें या विडंबना। जनता की सेवा का दावा करने वाली राजनीतिक पार्टियों के पास जमा होने वाली सैकड़ों करोड़ रुपये की रकम में लगभग 80 फीसद दानदाताओं (फंडिंग सोर्स) का कोई नाम-पता नहीं होता है। यह सच भले आपके गले न उतर रहा हो, लेकिन सर्वे
नई दिल्ली। इसे राजनीति का रहस्य कहें या विडंबना। जनता की सेवा का दावा करने वाली राजनीतिक पार्टियों के पास जमा होने वाली सैकड़ों करोड़ रुपये की रकम में लगभग 80 फीसद दानदाताओं (फंडिंग सोर्स) का कोई नाम-पता नहीं होता है। यह सच भले आपके गले न उतर रहा हो, लेकिन सर्वे में यह बात उजागर हुई है। देश की पांच बड़ी राजनीतिक पार्टियों की 80 फीसद आय 'अज्ञात सोर्सÓ से होती है। यह दावा किया है चुनाव सुधार के लिए काम करने वाली रिसर्च एजेंसी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) ने। जिन पार्टियों के इनकम टैक्स रिटर्न के आधार पर ये नतीजे सामने आए हैं, उनमें सीपीएम, कांग्रेस, बीएसपी, एनसीपी और सीपीआई के नाम शामिल हैं।
क्या कहती है रिपोर्ट
एडीआर के मुताबिक इन पांच पार्टियों की कुल संपत्ति 844.71 करोड़ रुपये है। इन पार्टियों को अज्ञात सोर्स से 673.08 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है, जो घोषित संपत्ति की करीब 80 फीसद है। हालांकि, रिपोर्ट के दावे के अनुसार, नवंबर 2014 तक डेडलाइन के बावजूद भाजपा ने रिटर्न फाइल नहीं की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पार्टियों को मिले कुल चंदे का 41 फीसद ऐसे दान से मिला है, जो 20 हजार से ऊपर था।
दानदाताओं के नाम नहीं
पार्टियों की आमदनी का करीब 57 फीसद हिस्सा कूपन की सेल से ही मिला है। कूपन की सेल के जरिए कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 477.316 करोड़ रुपये जुटाए हैं। 2013-14 के दौरान राष्ट्रीय पार्टियों को 111.29 करोड़ रुपये यानि लगभग 59 फीसद ऐसे लोगों ने दान दिया, जिनकी जानकारी पब्लिक डोमेन में मौजूद नहीं है।
शीर्ष पर कांग्रेस
इन पांच पार्टियों में कांग्रेस की आमदनी सबसे ज्यादा 598.06 करोड़ रुपये है। इसके बाद सीपीएम की आमदनी 121.87 करोड़ रुपये है। दरअसल, 'अज्ञात सोर्स' पार्टी की आय का वह स्रोत होता है, जिन्हें आईटी रिटर्न में दिखाया तो जाता है, लेकिन 20 हजार रुपये से कम दान देने वाले का खुलासा नहीं होता है। इसमें कूपन सेल, पर्स मनी, रिलीफ फंड, अपनी इच्छा से दान, मोर्चा और बैठकों में आने वाला चंदा शामिल होता है। इस तरह पार्टी को चंदा देने वाले सोर्स की जानकारी मौजूद नहीं होती है।