न टीचर है न पढ़ाई, इन छात्रों के लिए धरना ही है एकमात्र ऑप्शन
बारहवीं के छात्रों के लिए एकमात्र स्कूल में न तो विज्ञान के लिए कोई शिक्षक है और न ही गणित के लिए, उनके पास धरना और प्रदर्शन ही एकमात्र रास्ता बचा है।
खानेद। लोधरा गांव से बारहवीं कक्षा के विज्ञान के छात्र मार्फा कौसर व रंजीत सिंह 6 किमी दूर गर्वंमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल में यहां पढ़ने आते हैं।
दो घंटे की दूरी तय करने के बाद जब वे स्कूल पहुंचते हैं तो वहां केवल अंग्रेजी की पढा़ई होती है जो प्रिंसिपल वी के कॉल पढ़ाते हैं। स्कूल में न तो विज्ञान के शिक्षक हैं और न ही गणित के। इसमें न तो लैबोरेट्री है और न लाइब्रेरी। इसलिए कक्षा बारहवीं के पुराने बैच के सभी छात्र अपने नवंबर के वार्षिक परीक्षा के पहले पूरे सितंबर माह में प्रैक्टिकल क्लासेज के लिए करीब 20 किमी की दूरी तय कर गर्वंमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, बसंतगढ़ जाते थे। 2015 में इस स्कूल के कक्षा बारहवीं के 102 छात्रों में से केवल एक छात्र पास हो पाया जबकि दसवीं में पास पर्सेंटेज 67 फीसद था।
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मार्फा और रंजीत ने कहा कि उनके जैसे कक्षा बारहवीं के छात्रों ने पिछले वर्ष बसंतगढ़ में केवल एक प्रैक्टिकल क्लास लिया। मार्च में बारहवीं कक्षा के शुरू होने के बाद से फिजिक्स, केमिस्ट्री या बोटनी की एक भी क्लास नहीं लगी है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, 14 और 15 मई को बसंतगढ़ के तहसील हेडक्वार्टर में पनारा के स्कूलों और आधा दर्जन नजदीकी गांवों व खानेद गर्वंमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्रों ने अपने माता-पिता के साथ धरना दिया।
अधिकारियों की उदासीनता के आदि ये छात्र शिक्षा विभाग की ओर से आयी प्रतिक्रिया से और अधिक चकित रह गए। अधिकारियों ने इस धरने को राजनीतिक बताया था और कहा कि छात्र व उनके माता-पिता को नेताओं के समर्थन प्राप्त है। उनके रिपोर्ट के आधार पर, उधमपुर डिप्टी कमिश्नर डा. शाहिद इकबाल चौधरी ने छात्रों के समस्या की जांच के आदेश दिए।
1935 में स्थापित हुआ खानेद गर्वंमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल जम्मू कश्मीर के पुराने स्कूलों में से एक है। 8 कमरों वाले इस स्कूल में 313 छात्र हैं जिसमें से कक्षा दस में 49, ग्यारहवीं में 110 और बारहवीं में 68 छात्र हैं।
शिक्षा की अलख जगाने वाले प्रेरक भुखमरी के शिकार
खानेद जैसे सुदूर इलाकों में सरकारी स्कूल ही एकमात्र ऑप्शन होते हैं। उधमपुर जिला मुख्यालय से खानेद 120 किमी की दूरी पर है। यहां से नजदीकी कॉलेज 90 किमी की दूरी पर रामनगर में है। रंजीत व मारफा के भाइ-बहनों ने दूरी की वजह से पढ़ाई पूरी नहीं की।
शिक्षा विभाग के वरिष्ठतम अधिकारी भी यहां काफी कम आते हैं। पिछली बार 1984 में ही मुख्य शिक्षा अधिकारी ने यहां का दौरा किया था। बसंतगढ़ के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट केवल कृष्णन नवंबर में परिक्षाओं के समय ही यहां आते हैं।
स्कूल को प्रिंसिपल समेत 41 सटाफ, दसवीं व बारहवीं के लिए 15 लेक्चर, दो मास्टर-ग्रेड के टीचर व चार पांचवीं व सातवीं कक्षा के लिए शिक्षकों की अनुमति मिली है।
प्रदर्शन के बाद सरकार कार्यात्मक मुद्रा में आयी है। इस स्कूल में केवल तीन टीचर थे जो इकोनॉमिक्स, कॉमर्स व इंग्लिश पढ़ाते थे केवल एक मास्टर ग्रेड के टीचर और तीन जेनरल लाइन के टीचर थे।
जिले में कुल 32 हायर सेकेंडरी स्कूल, 11 हाइ स्कूल, 456 मिड्ल और 892 प्राइमरी स्कूल है।