भारत पहले परमाणु हमला न करने के समझौते को तैयार
भारत ने पहले परमाणु हथियार का इस्तेमाल नहीं करने और किसी गैर परमाणु हथियार वाले देश को निशाना नहीं बनाने के अपने रुख को दोहराया है। भारत ने कहा है कि इन दोनों सिद्धांतों के आधार पर वह समझौते कर सक
संयुक्त राष्ट्र। भारत ने पहले परमाणु हथियार का इस्तेमाल नहीं करने और किसी गैर परमाणु हथियार वाले देश को निशाना नहीं बनाने के अपने रुख को दोहराया है। भारत ने कहा है कि इन दोनों सिद्धांतों के आधार पर वह समझौते कर सकता है, लेकिन वह परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) में शामिल नहीं होगा।
भारत ने एक बार फिर आगे परमाणु हथियारों के प्रसार पर रोक लगाने की अपनी वचनबद्धता दोहराई है। 'कांफ्रेंस ऑन डिसअर्मामेंट' में भारत के स्थायी प्रतिनिधि डीबी वेंकटेश वर्मा ने कहा कि एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति वाले देश के रूप में भारत की नीति है कि वह परमाणु हथियार का पहले इस्तेमाल नहीं करेगा और गैर परमाणु हथियार वाले देश के खिलाफ परमाणु हथियार का प्रयोग नहीं करेगा।
वह सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की कमिटी ऑन डिसअर्मामेंट एंड इंटरनेशनल पीस की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हम इस नीति को कानूनी रूप से बाध्यकारी द्विपक्षीय या बहुपक्षीय समझौते के रूप में परिवर्तित करने को तैयार हैं। वर्मा ने कहा कि भारत पक्षपात रहित और पुष्टि योग्य परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रति अपनी वचनबद्धता पर कायम है। एक परमाणु हथियार रहित देश के रूप में भारत का एनपीटी पर हस्ताक्षर करने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। उनके मुताबिक इस संधि पर हस्ताक्षर करने से भारत को एकतरफा अपने परमाणु हथियारों को छोड़ना होगा। भारत एनपीटी को भेदभाव वाला मानता है। यह संधि 1970 में अस्तित्व में आई थी।