मंदसौर में फर्फ्यू में ढील,धरना और प्रदर्शन की इजाजत नहीं
मंदसौर में प्रशासन ने सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक कर्फ्यू में ढील देने का निर्णय लिया है। हालांकि इस दौरान किसी तरह के विरोध प्रदर्शन और धरना करने की इजाजत नहीं होगी।
मंदसौर (जागरण ब्युरो)। किसानों के हिंसात्मक आंदोलन से बेकाबू हुए हालात को संभालने के मद्देनजर लगाए गए कर्फ्यू में आज प्रशासन की ओर से ढ़ील दी गयी। एसपी मनोज सिंह ने कहा कि प्रशासन ने कर्फ्यू में सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक ढील देने का निर्णय लिया है। हालांकि इस दौरान किसी तरह के विरोध प्रदर्शन और धरना करने की इजाजत नहीं होगी।
जिलाधिकारी ओपी श्रीवास्तव ने कहा कि जिले में किसी अप्रिय घटना की सूचना न मिलने पर कर्फ्यू में ढील दी गयी है, जिससे कि आम नागरिक अपनी जरुरत के मुताबिक सब्जियों और दूध आदि खरीद सके। कर्फ्यू हटते ही पेट्रोल पंप पर लंबी कतारें दिखी। किसान आंदोलन का केंद्र रहे मंदसौर जिले में औसत तौर पर शांति रही। लेकिन यहां से उपजे आंदोलन का असर मध्य प्रदेश के दूसरे हिस्सों तक जा पहुंचा। मध्य प्रदेश के पश्चिमी जिले शाजांपुर और धार में कर्ज माफी और फसलों के उचित मूल्य को लेकर आंदोलन जारी रहा। आंदोलन कर रही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और पत्थरबाजी कर रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।
हिंसक आंदोलन के मद्देनजर प्रशासन की ओर से शाजांपुर में धारा 144 लगा दी गयी। किसान आंदोलन छिंदवाड़ा जिले के महाकोशाल तक फैल गया। प्रदेश के हिंसाग्रस्त इलाकों में 1,100 रैपिड एक्शन के जवान को भेज दिया गया है। रैपिड एक्शन फोर्स की 100-100 की दो टुकडियों को हिंसाग्रस्त मंदसौर के पिपलियामंडी की ओर भेज दिया गया है, जहां पांच किसानों की मौत हो गयी थी।
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