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दिल्ली-चंडीगढ़ के बीच नई रेल पटरी नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाई स्पीड ट्रेन दौड़ाने का सपना साकार होना इतना आसान नहीं है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sat, 16 Apr 2016 01:46 AM (IST)Updated: Sat, 16 Apr 2016 01:52 AM (IST)
दिल्ली-चंडीगढ़ के बीच नई रेल पटरी नहीं

दीपक बहल, अंबाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाई स्पीड ट्रेन दौड़ाने का सपना साकार होना इतना आसान नहीं है। नई दिल्ली से चंडीगढ़ तक नई पटरी बिछाने के फ्रांसीसी टीम के सुझाव को रेल अधिकारियों ने ठुकरा दिया है। उन्होंने मौजूदा ट्रैक पर हाई स्पीड ट्रेन दौड़ाने का डिजाइन तैयार करने के लिए फ्रांस के अफसरों को कहा है।
बता दें कि हाई स्पीड ट्रेन दौड़ाने की संभावना को लेकर पिछले दिनों फ्रांस की टीम ने नई दिल्ली-चंडीगढ़ ट्रैक का मुआयना किया था। इस दौरान पाया गया कि मौजूदा ट्रैक पर 150 प्रति घंटे की रफ्तार से भी ट्रेन को दौड़ाना संभव नहीं है। ट्रैक में कहीं चाबियां गायब हैं तो कई स्लीपर टूटे पड़े हैं।

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ऐसे में नई पटरी बिछाने का सुझाव दिया जिसे रेल अधिकारियों ने ठुकरा दिया है। उनका मानना है कि इस रूट पर ट्रैक बिछाने के लिए जमीन का अधिग्रहण करना संभव नहीं है। इसके अतिरिक्त भी इस कार्य में कई और परेशानियां आएंगी। सूत्रों का कहना है कि नई दिल्ली से चंडीगढ़ तक रेल पटरी और पुलों का जाजया लेने के बाद फ्रांस की टीम ने 13 अप्रैल को रेलवे बोर्ड में अधिकारियों के साथ हाई स्पीड ट्रेन दौड़ाने की योजना पर बैठक की।

इसमें अंबाला के रेल अधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक में यह बात उठी कि नई पटरी बिछाने के लिए अंबाला से चंडीगढ़ तक जमीन अधिग्रहण करना मुश्किल है। खासकार डेराबस्सी से चंडीगढ़ तक पटरी के आसपास का इलाका कामिर्शयल होने कारण दिक्कतें आएंगी। इसी पटरी पर 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाने के लिए पुलों का डिजाइन फ्रांसीसी अफसर अपने हिसाब से बनाएंगे।
बंद होंगे सभी रेल फाटक
नई दिल्ली से चंडीगढ़ तक सभी रेल फाटकों को बंद कर अंडरब्रिज या फिर ओवरब्रिज बनाए जाएंगे। करीब 75 फाटक की जगह पुल बनने से लोगों को भी राहत मिलेगी। मौजूदा समय आउटर से आउटर तक ट्रेन की स्पीड महज 15 किलोमीटर रहती है जिसे बढ़ाने के लिए भी यार्ड से मेन लाइन तक पटरी बिछाने का सुझाव दिया गया। इसके अलावा यार्ड में लगे कांटों को भी अपडेट किया जाएगा। इसके अलावा नई दिल्ली से चंडीगढ़ तक वॉल बनाई जाएगी, ताकि ट्रैक में पशु या फिर अन्य लोग प्रवेश न कर सके। सिग्नल, पटरी की गुणवत्ता को बेहतर किया जाएगा।


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