सीवीसी-सीआइसी का चयन टला
सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी के बाद मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) और मुख्य सूचना आयुक्त (सीआइसी) की नियुक्ति के लिए शुरू हुई पहली कवायद बेनतीजा साबित हुई। प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली चयन समिति की बैठक में नए सीवीसी और सीआइसी पर सहमति नहीं बन पाई। समिति की जल्द ही दूसरी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी के बाद मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) और मुख्य सूचना आयुक्त (सीआइसी) की नियुक्ति के लिए शुरू हुई पहली कवायद बेनतीजा साबित हुई। प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली चयन समिति की बैठक में नए सीवीसी और सीआइसी पर सहमति नहीं बन पाई। समिति की जल्द ही दूसरी बैठक होने की संभावना है।
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में इन पदों के लिए जिन अधिकारियों के नाम पर चर्चा हुई, उनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी। माना जा रहा है कि बैठक में मौजूद मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के लोकसभा में नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने औैर नाम मंगाए जाने की बात कही। इस बैठक में प्रधानमंत्री के साथ-साथ गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली, कार्मिक मंत्री जीतेंद्र सिंह के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी भी मौजूद थे। जीतेंद्र सिंह ने कहा कि अधिकारियों के बारे में जरूरी जानकारी के साथ जल्द ही अगली बैठक बुलाई जाएगी।
दो सतर्कता आयुक्त व तीन सूचना आयुक्त के पद भी खाली
सीवीसी और सीआइसी के पद लगभग नौ महीने से खाली हैं। इसके साथ तीन सूचना आयुक्तों और दो सतर्कता आयुक्त के पद भी खाली हैं। ध्यान देने की बात है कि पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सीवीसी और सीआइसी की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। उसी वजह से इन दोनों पदों पर नियुक्ति नहीं हो पा रही थी। इन नियुक्तियों में पारदर्शिता के अभाव का हवाला देकर याचिका दायर की गई थी। पिछले हफ्ते अदालत ने यह रोक हटाकर नियुक्तियों के लिए हरी झंडी दे दी है।
बड़ी संख्या में आए हैं आवेदन
मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) और सतर्कता आयुक्त पद के लिए करीब 130 आवेदन मिले हैं। इसी तरह मुख्य सूचना आयुक्त (सीआइसी) के लिए 203 आवेदन आए हैं। सूचना आयुक्त पद के लिए कुल 553 लोगों ने आवेदन दिया है। सूचना के अधिकार (आरटीआइ) कानून के मुताबिक केंद्रीय सूचना आयोग में एक मुख्य सूचना आयुक्त और 10 सूचना आयुक्त होने चाहिए। सीआइसी में अभी 39 हजार 565 मामले लंबित हैं। मुख्य सूचना आयुक्त राजीव माथुर का कार्यकाल पिछले साल 22 अगस्त को ही समाप्त हो गया है। तभी से यह पद खाली है। मुख्य सतर्कता आयुक्त प्रदीप कुमार और सतर्कता आयुक्त जेएम गर्ग ने अपना कार्यकाल पिछले साल क्रमश: 28 सितंबर और सात सितंबर को पूरा किया था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गत छह मई को सीआइसी, सीवीसी और लोकपाल प्रमुख की नियुक्त में देरी पर सवाल उठाया था।