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चंदे का ब्योरा देने पर पार्टियों में आम राय नहीं

चंदे का ब्योरा देने के मसले पर देश के राजनीतिक दलों में अभी कोई आम राय नहीं बन सकी है। चुनाव आयोग ने अपने एक दस्तावेज में यह बात कही है। विधि आयोग ने सिफारिश की थी कि यदि पार्टियों के चंदे की कुल रकम 20 करोड़ रुपये से ज्यादा

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Fri, 17 Apr 2015 07:17 PM (IST)Updated: Fri, 17 Apr 2015 08:11 PM (IST)
चंदे का ब्योरा देने पर पार्टियों में आम राय नहीं

नई दिल्ली। चंदे का ब्योरा देने के मसले पर देश के राजनीतिक दलों में अभी कोई आम राय नहीं बन सकी है। चुनाव आयोग ने अपने एक दस्तावेज में यह बात कही है। विधि आयोग ने सिफारिश की थी कि यदि पार्टियों के चंदे की कुल रकम 20 करोड़ रुपये से ज्यादा हो तो 20,000 रुपये से कम के हर दान का ब्योरा देना अनिवार्य किया जाए।

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चुनाव आयोग का यह भी कहना है कि राजनीतिक दलों में चंदे का ब्योरा न देने वाले दलों पर जुर्माने के प्रावधानों को लेकर भी एक राय नहीं है। पार्टियों का कहना है कि गलत जानकारी देने पर प्रस्तावित 50 लाख रुपये का जुर्माना बहुत ज्यादा है, खासकर छोटे राजनीतिक दलों के लिए यह बहुत बड़ी रकम है।

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों की फंडिंग और चुनाव सुधार को लेकर विधि आयोग की हालिया रिपोर्ट के संबंध में 30 मार्च को हुए विचार-विमर्श पर आधारित मसौदा पत्र में यह जानकारी दी है। दस्तावेज में कहा गया है कि राजनीतिक दलों ने चंदे का ब्योरा देने के प्रस्ताव को अव्यावहारिक बताया है।


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