बिहार विधानसभा में हंगामे के बीच नीतीश ने साबित किया बहुमत, मिले 131 वोट
विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वास मत पर सदस्यों ने हां ना कर दिया है। भारी हंगामे के बाद नीतीश कुमार ने अपना विश्वास मत हासिल कर लिया है।
पटना [जेएनएन]। बिहार विधानसभा में हंगामे के बीच आज नीतीश कुमार ने अपना विश्वास मत हासिल कर लिया है। विपक्ष ने आज जमकर हंगामा किया लेकिन आखिरकार नीतीश ने अपना विश्वासमत हासिल किया और 131 के वोट पक्ष को मिले तो वहीं 108 वोट विपक्ष को मिले। नीतीश के विश्वास मत हासिल करते ही राजद ने सदन से वॉकआउट किया और सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है।
आज सुबह 11 बजे से विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हुई और तीखी बहस के बाद नीतीश के विश्वास मत पेश करने के बाद सदस्यों ने पहले सदन में सभी सदस्यों की हां और ना के बाद लॉबी डिवीजन से फ्लोर टेस्ट हुआ और ध्वनिमत से सदन में फैसला नहीं होने के बाद वोटिंग कराई गई।
विधानसभा में वोटिंग शुरू होने के बाद रजिस्टर पर एक-एक कर सदस्य अपने हस्ताक्षर किए। नीतीश ने तो विश्वासमत हासिल कर लिया है लेकिन राजद के तेवर को देखकर एेसा लगता है कि सरकार को पहली बार मजबूत विपक्ष का सामना करना पडे़गा।
10.30 बजे ही विधानसभा पहुंचे थे नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज सुबह बहुमत साबित करने के लिए सुबह 10.30 बजे ही विधानसभा पहुंचे, उनके पहुंचने के थोड़ी देर बाद उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी सदन पहुंचे। आज विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था। नीतीश कुमार ने विधानसभा में विश्वासमत पेश किया उसके बाद तेजस्वी ने नीतीश पर तीखा हमला किया और कई गंभीर आरोप लगाए।
नीतीश ने कहा- सत्ता भोग के लिए नहीं मिलती
पक्ष-विपक्ष के विवाद के बीच सदन में नीतीश कुमार ने विश्वासमत पर बोलते हुए कहा कि सदन की मर्यादा का पालन करना चाहिए। हम एक-एक बात का सबको जवाब देंगे। सत्ता सेवा के लिए होता है, मेवा के लिए नहीं। नीतीश ने कहा कि मैंने महागठबंधन धर्म का हमेशा पालन किया, लेकिन जब मेरे लिए मुश्किल आई तो इस्तीफा दे दिया।
कांग्रेस पर तंज कसते हुए नीतीश ने कहा कि पच्चीस सीट नहीं मिल रही थी कांग्रेस को हमने चालीस दिलाई।सत्ता धन अर्जित करने के लिए नही होता। मैंने जनता के लिए ये फैसला लिया है, वोट देने वाली जनता परेशान थी और यह सरकार बिहार की जनता के लिए काम करेगी। मुझे कोई सांप्रदायिकता का पाठ ना पढाए। आज जुम्मे का दिन है और मैं कोई हंगामा नहीं चाहता।
तेजस्वी बने नेता प्रतिपक्ष, नीतीश पर लगाए गंभीर आरोप
बिहार विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही के भीतर भी राजद विधायक हंगामा किया और इसी बीच राजद की तरफ से तेजस्वी यादव को विरोधी दल का नेता मनोनीत किया गया । विधानसभा अध्यक्ष को प्रस्ताव दिया गया, जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया ।
नेता विपक्ष बनते ही तेजस्वी यादव ने नीतीश के खिलाफ हमला बोला । उन्होंने कहा कि जनता ने महागठबंधन को पांच साल के लिए चुना था लेकिन हमारे साथ, बिहार की जनता के साथ धोखा देकर महागठबंधन को तोड़ दिया। नीतीश जी का ये कौन सा सिद्धांत है। आपको शर्म नहीं आती आज सुशील मोदी के बगल में बैठने में।
नीतीश जी का इस्तीफा और भाजपा का तुरत समर्थन ये सब पूरी प्लानिंग की गई थी और नैतिकता की बात करते हैं, ये कौन सी नैतिकता है आपकी? कौन सी विचारधारा है इसे अब पूरी दुनिया जानना चाहती है।
तेजस्वी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार जी रणछोड़ हो गए हैं, हे श्रीराम से जय श्रीराम कह पलटी मार गए। नीतीश के बगल में बैठे थे तो पता नहीं था इनका असली चेहरा अब नजर आया है। सुशील मोदी और नीतीश पर भी तो केस चल रहा है फिर इनदोनों ने शपथ कैसे ले ली?
तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अाप तो इधर भी हैं और उधर भी, आपने समझा ही नहीं लालू यादव को अगर पुत्रमोह होता तो एेसा नहीं होता, लालू जी को पुत्रमोह नहीं भाई मोह था। आप एक बार बोल देते तो मैं इस्तीफा दे देता।
तेजस्वी ने कविता सुनाकर नीतीश को पुुरानी बातें याद दिलाईं और कहा कि कहां गये वो पीएम मोदी के लिए बोले गए शब्द-बहती हवा सा था वो दाऊद को लाने वाला था वो...क्या सबकुछ भूल गए आप?
सुशील मोदी को भी जमकर कोसा तेजस्वी ने
तेजस्वी ने उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी से कहा कि आपको शर्म नहीं आती एेसी साजिश रच डाली। उन्होंने सुशील मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि आपने मेरे और मेरे परिवार पर झूठे आरोप लगाए उसे माफ नहीं करूंगा। तेजस्वी के इन गंभीर आरोपों के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने तेजस्वी को भाषण खत्म करने का निर्देश दिया।
नंदकिशोर यादव ने कहा- जो लोग आरोप लगाए वो हमारे ही भाई हैं
भाजपा नेता नंदकिशोर यादव ने तेजस्वी के बयान का पलटवार करते हुए कहा कि अगर लालू को पुत्रमोह नहीं होता तो अब्दुल बारी सिद्दीकी उपमुख्यमंत्री होते। उन्होंने कहा कि तेजस्वी थे उपमुख्यमंत्री और फैसला लेते थे लालू। नंदकिशोर यादव ने कहा कि जो आरोप लगा रहे हैं वो सब हमारे भाई हैं और कई हमारे संपर्क में हैं। आरजेडी की बातों का मैं बुरा नहीं मानता।
नंदकिशोर यादव ने नीतीश कुमार के लिए शायरी पढ़ी- नहीं गया मेरे दिल से तेरी यादों का रिश्ता...
राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने नंदकिशोर यादव को जवाब देते हुए कहा कि जब मैं सीएम बनूंगा तो आप मेरे साथ होंगे क्या?
कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने कहा- नीतीश ने खेला गंदा खेल
कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश के महागठबंधन तोड़ने का दुख है और पार्टी बदलने वालों से क्या बात करें? नीतीश का पूरा खेल सुनियोजित था। पूरी सुनियोजित तरीके से नीतीश ने यह सब किया है। पहले उन्होंने कोविंद को समर्थन किया और फिर भोज में शामिल हुए।
सुशील मोदी ने कहा- राजद की वजह से फिर से बना डिप्टी सीएम
सदानंद सिंह के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपने संबोधन में राजद को धन्यवाद देते हुए कहा कि आपकी वजह से ही मैं आज चार साल के बाद फिर से पक्ष की ओर बैठा हूं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी ने अगर इस्तीफा दे दिया होता तो मैं डिप्टी सीएम नहीं बन पाता। शुक्रगुजार हूं राजद और कांग्रेस का जिनकी वजह से मैं डिप्टी सीएम बना।
सुशील मोदी ने कहा कि जनादेश बेनामी संपत्ति को बचाने के लिए नहीं था 26 साल में 26 बेनामी संपत्ति के मालिक बनने के लिए नहीं था।
सुशील-तेजस्वी में तीखी बहस
सुशील मोदी के बयान को सुनकर तेजस्वी यादव आक्रोशित हो गए और दोनों के बीच बहस शुरू हो गई। तेजस्वी ने कहा कि जबजांच चल रही है तो बेनामी संपत्ति कैसे बोल सकते हैं? आरजेडी विधायकों ने सुशील मोदी के बयान के बाद हंगामा शुरू कर दिया और कुर्सी पर खड़े होकर विरोध जताया।
राजद का जारी रहा हंगामा
नीतीश पर आरोप लगाने के साथ ही एनडीए और जदयू के विधायक भी आक्रोशित हो गए और वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया ।
नीतीश कुमार के पहुंचते ही राजद विधायकों ने जमकर नारेबाजी की और नीतीश कुमार इस्तीफा दो, नीतीश कुमार वापस जाओ, के नारे लगाए। राजद के साथ कांग्रेस के विधायक भी हंगामे में शामिल है। सदन के बाहर और सदन के अंदर भी जबर्दस्त हंगामा जारी रहा।
सीट भूल बैठे तेजस्वी
विधानसभा पहुंचने के बाद तेजस्वी यादव अपनी सीट ही भूल बैठे और आगे की बजाए पीछे बैठने लगे तो विजय प्रकाश ने उन्हें कहा कि आपका सीट तो आगे है, आगे ही बैठिये पीछे क्यों बैठ रहे। उनके इतना कहने के बाद तेजस्वी अपनी सीट पर बैठे।
राजद के विधायक आक्रोशित थे और हाथ में तख्तियां लेकर नीतीश कुमार के विरोध में प्रदर्शन किया। इसी बीच तेजस्वी यादव भी विधानसभा पहुंचे । राजद नेताओं ने एक सुर में नीतीश कुमार को धोखेबाज ठहराया और कहा कि सत्र तबतक नहीं चलने देंगे जबतक मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं दे देते।
एक ओर राजद नेताओं का हंगामा जारी रहा तो वहीं विधानसभा परिसर में जय श्रीराम के नारे भी लगाए जा रहे थे। एक-एक कर सभी सदस्य विधानसभा पहुंचे । तेजस्वी और तेजप्रताप पहले वीआइपी गेट से जाते थे और आज उन्हें मुख्य द्वार से जाना पड़ा।
किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सतर्क रही । एक ओर एनडीए और जदयू के नेताओं ने दावा किया कि हमने तो राज्यपाल को 132 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा था लेकिन उससे ज्यादा की संख्या पार कर जाएगी और बहुमत हमें ही मिलेगा। वहीं राजद ने दावा किया है कि किसी हाल में नई सरकार जो धोखे से बनाई जा रही है वो कभी विश्वास मत नहीं हासिल कर सकेगी।
बता दें कि शपथग्रहण से पहले बुधवार देर रात को नीतीश कुमार ने बीजेपी नेताओं के साथ राज्यपाल को 132 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा था, जिसमें जेडीयू के 71, बीजेपी के 53, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के 2, एलजेपी के 2, जीतनराम मांझी की पार्टी 'हम' के 1 और 3 निर्दलीय विधायक शामिल हैं।
बिहार विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 122 है
243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 122 है, ऐसे में नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार आसानी से विश्वासमत हासिल करती दिख रही है, हालांकि सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सरकार बनाने का न्योता नहीं मिलने से नाराज़ आरजेडी सदन में नीतीश कुमार के विश्वासमत में रोड़ा अटकाने की तैयारी में है।
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लालू का दावा- जेडीयू के कई विधायक मेरे संपर्क में
लालू ने दावा किया है कि जेडीयू के कई विधायक उनके संपर्क में हैं। आज सुबह ही राजद के सैकड़ों समर्थक लालू यादव के आवास पर पहुंचे और नीतीश के खिलाफ नारेबाजी की। राजद ने अपने विधायकों को एकजुट रहने की हिदायत दी है।
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