पौधाें की सिंचाई के लिए पेशाब का इस्तेमाल करते हैं गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को एक ऐसा बागवानी टिप्स लोगों से साझा किया जिसे सुनकर लोग चौंक गये। दरअसल, नितिन गडकरी ने पौधों की बेहतर परवरिश के लिए उन्हें पानी के बजाय पेशाब से सिंचने की सलाह दी।
नागपुर। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को एक ऐसा बागवानी टिप्स लोगों से साझा किया जिसे सुनकर लोग चौंक गये। दरअसल, नितिन गडकरी ने पौधों की बेहतर परवरिश के लिए उन्हें पानी के बजाय पेशाब से सिंचने की सलाह दी। गडकरी द्वारा यह टिप दिये जाने के बाद वो सोशल मीडिया पर हिट हो गये हैं और लोग इस बार पर खूब मजे ले रहे हैं।
गडकरी सोमवार को नागपुर में भाजपा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सूखे से प्रभावित लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि वो अपने दिल्ली आवास में पौधों को सिंचने के लिए पेशाब का इस्तेमाल करते हैं और वो इस थैरेपी का इस्तेमाल लंबे समय से कर रहे हैं।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक नागपुर में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं हर दिन करीब 50 लीटर पेशाब इक्ट्ठा करता हूं। फिर इनका इस्तेमाल मेरे दिल्ली आवास में लगे पौधों को सींचने के लिए किया जाता है।
गडकरी ने कहा कि मुझे यह बताने में थोड़ा अजीब लग रहा है, लेकिन मैं इसके बारे में आपको बताना चाहता हूं कि मैंने इसका प्रयोग किया है। मैंने अपने दिल्ली आवास पर कुछ पौधाें में पेशाब डाला था और वो अन्य पौधों की तुलना में डेढ़ गुणा ज्यादा बड़े हो रहे थे।
गडकरी का कहना है कि यह 'पेशाब चिकित्सा विधि' बहुत कारगर है और साधारण पानी के मुकाबले पौधों को ज्यादा स्वस्थ बनाती हैं।
इस ओर वैज्ञानिक कारण बताते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि पेशाब में प्रचुर मात्रा में यूरिया और नाइट्रोजन यौगिक होते हैं और ये पौधों के लिए पोषण का काम करते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जल्द ही पेशाब सस्ते उर्वरक के तौर पर सामने आ सकता है।
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