बेहद घना जंगल वाला इलाका है जहां हुआ सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलीकाप्टर क्रैश, जानें- कुछ और बातें
CDS Bipin Rawat Helicopter Crash तमिलनाडु की नीलगिरी पहाडि़यों में जहां सेना का एमआई हेलीकाप्टर क्रैश हुआ है वो बेहद घने जंगल का इलाका है। यहां पर मौसम बदलते देर नहीं लगती है। इस हेलीकाप्टर के क्रैश होने की वजह भी खराब मौसम बताया जा रहा है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। तमिलनाडु के कुन्नूर में सेना के हेलीकाप्टर Mi 17v5 क्रैश होने की खबर से पूरा देश स्तब्ध है। एएनआई के मुताबिक इस हेलीकाप्टर में सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी, एक ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी समेत कुल 14 लोग सवार थे। इस हादसे में जनरल बिपिन रावत समेत कई अन्य लोगों की मौत हो गई है। जो इस हादसे में बचे हैं उनको भी गंभीर हालत में बताया गया है। ग्रुप केप्टन वरुण सिंह का अस्पताल में इलाज चल रहा है। हादसे के कुछ देर बाद रेस्क्यू मिशन भी शुरू कर दिया गया था। इसकी जानकारी भारतीय वायु सेना ने एक ट्वीट के जरिए दी है।
बता दें कि जिस जगह ये हेलीकाप्टर क्रैश हुआ है वो बेहद घने जंगल वाला इलाका है। ये पूरा इलाका नीलगिरी पहाडि़यों की खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यहां के जंगल देश और विदेश के पर्यटकों को भी लुभाता रहा है। यहां पर बड़े और बेहद खूबसूरत चाय के बागान हैं। बताया ये भी जा रहा है कि मौसम खराब होने की वजह से ये हादसा हुआ है।
आपको बता दें कि जब भी कभी वीवीआईपी स्तर का कोई भी व्यक्ति हेलीकाप्टर से ट्रैवल करते हैं तो उसके लिए एक प्रोटोकोल को अपनाया जाता है। सीडीएस स्तर के अधिकारी के ट्रैवल करते समय में भी यही प्रोटोकोल मानने होते हैं। इस दौरान दो हेलीकाप्टर एक साथ उड़ान भरते हैं। ये भी जरूरी है कि जिनमें सीडीएस जैसे अधिकारी सफर कर रहे हों वो डबल इंजन वाला हेलीकाप्टर हो। फिलहाल ये बताया जा रहा है कि सेना का ये हेलीकाप्टर एमआई सीरीज का था।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि वेलिंगटन वही इलाका है जहां पर सेना का सबसे प्रतिष्ठित डिफेंस सर्विस स्टाफ कालेज है जहां पर सेना के अधिकारी अपनी ट्रेनिंग पाते हैं। यहीं से सीडीएस बिपिन रावत ने भी पढ़ाई की है। गौरतलब है कि ऊटी का ये इलाका आसमान में काफी निचले स्तर पर आने वाले बादलों के लिए भी जाना जाता है। कहा जा रहा है कि इस हेलीकाप्टर में करीब 14 लोग मौजूद थे। जानकारी के मुताबिक सीडीएस बिपिन रावत को कुन्नूर से नजदीकी सुलूर एयरफोर्स बेस पर जाना था और वहां मौजूद विमान एंब्रेयर से दिल्ली आना था।बता दें कि इसी एयरबेस पर एलसीए तेजस को तैनात किया गया है।
एमआई सीरीज के इस हेलीकाप्टर को काफी विश्वसनीय माना जाता है। इसको वीवीआईपी के सफर के दौरान इस्तेमाल किया जाता है। आपको बता दें कि वेलिंगटन कैंट का इलाके में कई सेना के अधिकारी रहते हैं। दिवंगत फील्ड मार्शन एसएचएफजे मानिकशा भी यहींं पर रहते थे।
हेलीकाप्टर की खासियत
यहां पर ये भी जान लेना बेहद जरूरी है कि जिस हेलीकाप्टर में सीडीएस सफर कर रहे थे वो इसलिए भी विश्वसनीय है क्योंकि इसकी क्षमता काफी अधिक है। इसका फ्यूल टैंक दूसरे हेलीकाप्टर के मुकाबले बड़ा होता है। ऐसा इसलिए होता है कि ये अधिक दूरी तक जा सके। इसमें दो इंजन होते हैं, इसलिए ही इसको वीवीआईपी के दौरे के लिए मुफीद पाया जाता है। एक इंजन में आई खराबी के बावजूद ये उड़ान भर सकता है। सेना के जवानों को इधर-उधर ले जाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। वीवीआईपी की कोई भी उड़ान बेहद अनुभवी पायलट ही उड़ाते हैं।