मालेगांव ब्लास्ट मामले में प्रज्ञा पर एनआइए ने मांगी एटार्नी जनरल की राय
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने 2008 के मालेगांव विस्फोट में आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित तथा आठ अन्य के खिलाफ मकोका लगाने को लेकर अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से राय मांगी है। आरोपियों ने अपने खिलाफ मकोका लगाए जाने को चुनौती दी है।
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने 2008 के मालेगांव विस्फोट में आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित तथा आठ अन्य के खिलाफ मकोका लगाने को लेकर अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से राय मांगी है। आरोपियों ने अपने खिलाफ मकोका लगाए जाने को चुनौती दी है।
एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कानून के कुछ विशेष बिंदुओं पर अटार्नी जनरल की राय लेने के लिए विधि मंत्रलय और गृह मंत्रलाय को पत्र लिखा गया है। दरअसल एनआइए को अदालत में मकोका को चुनौती देने का जवाब दाखिल करना है। लेकिन इसके पहले वह अपने जवाब को कानूनी तौर पर पुख्ता करना चाहती है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एटार्नी जनरल की राय मिलने के बाद एजेंसी अदालत में अपना जवाब दाखिल कर देगी। कठोर कानून मकोका सिर्फ ऐसे अपराधियों के खिलाफ लगाया जाता है, जो संगठित अपराध में शामिल होते हैं और उनके खिलाफ एक से अधिक मामले दर्ज हों। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पिछले आठ साल से जेल में है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल, 2015 के अपने फैसले में आरोपियों के मकोका के तहत किसी अपराध में शामिल होने को लेकर गंभीर संदेह जताया था। आरोपियों का सुप्रीम कोर्ट में कहना था कि एटीएस ने उनकी स्वतंत्रता छीनने के लिए मकोका के कड़े प्रावधान गलत तरीके से लगाए हैं। मकोका हटने से आरोपियों के खिलाफ कम संगीन धाराओं में केस चलेगा और जिसमें उन्हें आसानी से जमानत मिल सकती है। इस मामले में अभी तक गिरफ्तार किसी भी आरोपी को जमानत नहीं मिली है।