डेढ़ सौ फीट पर भी संतरियों में नहीं था तालमेल
उड़ी आतंकी हमले की जांच में कई अहम खुलासे हुए हैं। आधारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया है कि जांच के दौरान यह जानकारी उभरकर सामने आई है कि अतिसंवेदनशील ब्रिगेड मुख्यालय के चारों तरफ बाड़बंदी ठीक से नहीं की गई थी।
उड़ी, प्रेट्र। सेना के उड़ी ब्रिगेड मुख्यालय पर आतंकी हमले की जांच में कई प्रक्रियागत खामियां उभरकर सामने आई हैं। इनमें दो संतरी पोस्ट के बीच तालमेल की कमी खास रही है। आशंका जताई जा रही है कि आतंकी एक दिन पहले ही सुखदर गांव पहुंच गए थे और वहीं से ब्रिगेड मुख्यालय पर नजर रखे हुए थे।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने हमले से जुड़े विभिन्न पहलुओं को दस्तावेजी रूप देने का काम पूरा कर लिया है। आधारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया है कि जांच के दौरान यह जानकारी उभरकर सामने आई है कि अतिसंवेदनशील ब्रिगेड मुख्यालय के चारों तरफ बाड़बंदी ठीक से नहीं की गई थी। आशंका जताई गई है कि हमलावर चारों आतंकी गुलाम कश्मीर से हाजीपीर दर्रा के रास्ते घुसपैठ कर 16/17 की रात में घुस आए थे।
ब्रिगेड मुख्यालय की गतिविधियों को परखने के लिए आतंकी सुखदर गांव में छिपे रहे। सुखदर गांव से पूरा ब्रिगेड मुख्यालय और अंदर की गतिविधियां स्पष्ट रूप से नजर आती हैं। मुख्यालय के चारों तरफ बड़ी जंगली घास और झाडि़यां होने के कारण आतंकी बाड़ तक पहुंच गए। लेकिन उन पर किसी की नजर नहीं पड़ी और बाड़ काट कर अंदर घुस गए। बड़े सुरक्षा ठिकानों पर ऊंची घासों और झाडि़यों को काटने की प्रक्रिया को भी यहां नजरअंदाज किया गया। प्रारंभिक जांच में संतरियों की तैनाती वाले दो पोस्ट के बीच आपसी तालमेल की नाकामी की भी इंगित किया गया है, जिसके कारण आतंकियों के घुसने की जानकारी नहीं हो पाई। यह दोनों पोस्ट महज 150 फीट के फासले पर हैं।
सूत्रों के मुताबिक उड़ी कस्बे में हमले के 24 घंटे पहले से सक्रिय सभी सेलफोन और ब्रांडबैंड के काल और डाटा इस्तेमाल के विवरण जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा एकत्र किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया है कि आंशिक छानबीन के बाद डाटा संबंधी विवरण को राज्य पुलिस ने अग्रिम जांच के लिए एनआइए को सौंप दिया है। मारे गए आतंकियों से बरामद हथियार, गोलाबारूद और अन्य उपकरणों को दिल्ली भेजने के लिए लकड़ी के बक्से में पैक कर दिया गया है। सेना भी अपने स्तर से हमले की जांच कर रही है।
प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि आतंकी हमले से एक दिन पहले क्षेत्र में घुस आए थे। दूसरी ओर ब्रिगेड मुख्यालय के पास से गुजरने वाली सड़क को चार दिन बाद गुरुवार को नागरिक यातायात के लिए खोल दिया गया। यह सड़क नियंत्रण रेखा से लगते 12 गांवों को उड़ी कस्बे से जोड़ती है। यहां से गुजरने वाले वाहनों की सघन जांच की जाती रही। लेकिन मीडिया को अब भी ब्रिगेड मुख्यालय से दूर ही रखा गया है।
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