विमान से मलमूत्र गिरने की शिकायत पर NGT ने दिया जांच का आदेश
एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को निर्देश दिया है कि वह एक वरिष्ठ पर्यावरणीय इंजीनियर को उनके घर का निरीक्षण करने के लिए भेजे।
नई दिल्ली, प्रेट्र । एक वरिष्ठ सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नजदीक रिहायशी इलाके के ऊपर से उड़ने वाले विमानों से मानव मलमूत्र गिरने की शिकायत की है। उनकी याचिका पर ट्रिब्यूनल ने दक्षिण दिल्ली स्थित उनके घर का निरीक्षण करने के आदेश दिए हैं।
वसंत एन्क्लेव निवासी लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सतवंत सिंह दहिया ने वाणिज्यिक एयरलाइनों की इस हरकत को स्वच्छ भारत अभियान का उल्लंघन बताते हुए उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने और भारी जुर्माना लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि इस वजह से इलाके के नागरिकों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। दहिया ने याचिका में तत्काल प्रभाव से इस तरह की घटनाओं की शिकायत दर्ज कराने के लिए 24 घंटे कार्यरत रहने वाली हेल्पलाइन शुरू करने और विमानों से मलमूत्र गिरने से रोकने के लिए निगरानी तंत्र बनाने की मांग की है।
याचिकाकर्ता की शिकायत पर एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को निर्देश दिया है कि वह एक वरिष्ठ पर्यावरणीय इंजीनियर को उनके घर का निरीक्षण करने के लिए भेजे। अगर वहां मलमूत्र मिलता है तो उसके नमूने एकत्रित कर विश्लेषण के लिए भेजे जाएं और उसकी रिपोर्ट 25 नवंबर तक एनजीटी के समक्ष पेश की जाए। एनजीटी के अध्यक्ष स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने पर्यावरण व वन मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और सीपीसीबी को नोटिस जारी कर उनसे दो हफ्ते में जवाब भी तलब किया है। बता दें कि विमान के शौचालयों में मलमूत्र एक स्पेशल टैंक में स्टोर होता है। जब विमान हवाई अड्डे पर उतरता है तो सामान्यत: हवाई अड्डा कर्मी उस टैंक की सफाई करते हैं। हालांकि, विमानन अधिकारी मानते हैं कि कभी-कभी उड़ान के दौरान ये टैंक लीक कर जाते हैं। इस तरह की घटनाएं पहले भी भारत के अलावा अमेरिका और ब्रिटेन में भी हो चुकी हैं।
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