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पूर्वी भारत से शुरू होगी दूसरी हरित क्रांतिः पीएम मोदी

जिले के बरही के गोरियाकरमा में बनने वाले भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की रविवार को नींव रखने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में दूसरी हरित क्रांति जरूरत बताई। बोले, इसकी शुरुआत पूर्वी भारत के राज्यों से होगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम समेत पूर्वी भारत

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2015 12:19 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2015 09:20 PM (IST)

हजारीबाग [संजय सिंह]। जिले के बरही के गोरियाकरमा में बनने वाले भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की रविवार को नींव रखने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में दूसरी हरित क्रांति जरूरत बताई। बोले, इसकी शुरुआत पूर्वी भारत के राज्यों से होगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम समेत पूर्वी भारत के राज्य इसके संवाहक बनेंगे। दूसरी हरित क्रांति समय की मांग है और यह बिना विलंब के होनी चाहिए। केंद्र सरकार का पूरा ध्यान पूर्वी भारत के विकास पर केंद्रित है। इस इलाके में किसानों को बेहतर अनुसंधान के साथ खाद-बीज भी चाहिए। इसके लिए सिंदरी में बंद पड़े कारखाने को खोलने का फैसला लिया गया है।

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लगभग 34 मिनट का प्रधानमंत्री का भाषण खेती पर ही केंद्रित रहा। उन्होंने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि पहले देश के किसानों को उनके नसीब पर छोड़ दिया गया था। अब खेती को लाभकारी बनाने का उपाय सरकार कर रही है। मोदी बोले कि खेतों की जांच के लिए भी लेबोरेट्री बनाई गई हैं। हर खेत का हेल्थ कार्ड सरकार बनाएगी। किसान सोचते हैं कि खेत में लबालब पानी होगा तभी खेती होगी। यह धारणा गलत है। शरीर की तरह खेत की अलग-अलग प्रकृति है। केरल का फार्मूला झारखंड में लागू नहीं कर सकते। प्रधानमंत्री ने कहा कि पर ड्राप, मोर क्राप (एक बूंद से ज्यादा पैदावार)। उन्होंने कहा, छह-सात महीने खेती होती है।

इसके अलावा किसान मछली, मुर्गी पालन, शहद आदि उत्पादन का काम कर सकते हैं। इससे उन्हें अतिरिक्त आय होगी। वह बिहार का उदाहरण देते हुए बोले कि हर साल बिहार में चार सौ करोड़ रुपये की मछली बाहर के राज्यों से आती है। अगर मछली पालन यहीं शुरू कर दिया जाए तो यह पैसा बचेगा। उन्होंने जैविक खाद के भी उपाय बताए। उन्होंने कहा कि इसी के तहत पूरे देश में पीएम कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत की गई है। जलाशयों का पानी नहर के जरिए अगर खेतों तक नहीं पहुंचा तो उसका कोई औचित्य नहीं है। पशुपालन की महत्ता बताते हुए उन्होंने कहा कि अन्य देशों में पशु कम हैं और दूध ज्यादा। हमारे देश में इसके ठीक उल्टी स्थिति है। कम पैदावार से न तो देश का पेट भरेगा न किसानों की जेब। चिंता इस बात की हो कि लोगों का पेट भी भरे और किसानों की जेब भी भरे।

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रघुवर को बताया सफल सीएमप्रधानमंत्री ने संबोधन की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री रघुवर दास को सफल सीएम करार दिया। कहा, झारखंड को पहला संस्थान मिला है। यहां से अच्छे वैज्ञानिक तैयार होंगे। यह एक नए युग की शुरुआत होगी।

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''चिंता इस बात की हो कि लोगों का पेट भी भरे और किसानों की जेब भी भरे।''

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी


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