राजनीतिक दलों के लिए अनिवार्य हुआ बैंक खाते में पैसा रखना
चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता एवं जवाबदेही तय करने संबंधी अपने दिशा निर्देश बुधवार से लागू कर दिया। आयोग ने इसके तहत राजनीतिक दलों के लिए अपने पैसे बैंकों में जमा करना और अपने प्रत्याशियों को आर्थिक सहायता देने में तय सीमा का उल्लंघन नहीं करने के निर्देश का अनुपालन एक तरह से अनिवार्य बना दिया
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता एवं जवाबदेही तय करने संबंधी अपने दिशा निर्देश बुधवार से लागू कर दिया। आयोग ने इसके तहत राजनीतिक दलों के लिए अपने पैसे बैंकों में जमा करना और अपने प्रत्याशियों को आर्थिक सहायता देने में तय सीमा का उल्लंघन नहीं करने के निर्देश का अनुपालन एक तरह से अनिवार्य बना दिया है।
संविधान के अनुच्छेद 324 (जिम्मेदारी, निर्देश एवं चुनावों का नियंत्रण) के तहत इस संबंध में 29 अगस्त को जारी आदेश चुनाव खर्च और पार्टी निधि में पारदर्शिता और जवाबदेही संबंधी आयोग के व्यापक दिशा-निर्देशों का हिस्सा है। चुनाव आयोग ने कहा है कि ये दिशा निर्देश बुधवार से लागू होंगे।
इसके तहत किसी भी राजनीतिक दल के कोषाध्यक्ष को पार्टी के केंद्रीय मुख्यालय के स्तर पर समेकित खाते के साथ सभी राज्यों एवं निचले स्तरों पर भी खाते को अद्यतन रखना होगा। राजनीतिक दलों पर 'द इंस्टीट्यूशन ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स' से जारी लेखा परीक्षण के मार्गदर्शन का पालन के साथ रोकड़िया खातों का रखरखाव करेगा। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स आयकर कानून के तहत जरूरत के मुताबिक खाते का वार्षिक अंकेक्षण करेंगे और प्रमाण-पत्र जारी करेंगे। हर पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी व्यक्ति या कंपनी को नकद 20 हजार रुपये से अधिक भुगतान न हो। इसमें सिर्फ उन मामलों में छूट रहेगी जहां किसी गांव या शहर में बैंक नहीं हैं। यह नियम किसी कर्मचारी या पार्टी के पदाधिकारी को वेतन, पेंशन या पहले किए गए खर्च की अदायगी या जहां किसी कानून के तहत नकद भुगतान की जरूरत हो उसमें भी लागू नहीं होगा।
किसी उम्मीदवार के चुनाव खर्च की अधिकतम सीमा के बारे में जन प्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के तहत चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों में स्पष्ट किया हुआ है कि ऐसी सहायता तय सीमा से अधिक नहीं हो। किसी दल द्वारा इस संबंध में कोई भी भुगतान नकद के बजाय बैंक खाते के माध्यम से अकाउंट में देय चेक के जरिये ही होगा। मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल लोगों से मिले चंदे की रिपोर्ट फार्म 24 अ, चार्टर्ड अकाउंटेंट से प्रमाणित खातों की वार्षिक रिपोर्ट और चुनाव खर्च का विस्तृत ब्योरा हर साल चुनाव आयोग को जमा करेंगे। गैर मान्यता प्राप्त पार्टियां राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ये रिपोर्ट देंगी।
चुनवा आयोग ने कहा है कि एकरूपता के लिए सभी राजनीतिक दल आयोग को या उनके द्वारा बताए गए किसी अन्य प्राधिकारी को हर साल 31 अक्टूबर के पहले प्रत्येक वित्तीय वर्ष की वार्षिक खाते की लेखा परीक्षक रिपोर्ट की प्रति जमा करेंगे। आयकर के प्रावधान किसी राजनीतिक दल को किसी व्यक्ति या कंपनी द्वारा दिए गए चंदे में से किसी कटौती की इजाजत नहीं देते। आयोग के दिशा निर्देशों के अनुसार, रैलियों के दौरान जनता से मिली छोटी राशि को छोड़कर राजनीतिक दल चंदा देने वाले सभी व्यक्ति, कंपनी या संस्था का नाम और पता रखेंगे। इसके अलावा कोई भी रकम जो नकद मिलेगी उसे प्राप्त करने के एक हफ्ते के अंदर बैंक खाते में जमा करना होगा। हालांकि पार्टी रोजमर्रा के खर्च के लिए पर्याप्त राशि अपने पास रख सकती है।