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दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में उपलब्ध होंगे ढेरों नए कोर्स

दिल्ली विश्वविद्यालय में नए सत्र के लिए दाखिला प्रक्रिया 28 मई से शुरू होने जा रही है। ऐसे में उन विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है जो सीटों की कमी और पाठ्यक्रमों के अभाव के चलते दाखिला न हो पाने की चिंता से ग्रस्त हैं। डीयू के विभिन्न कॉलेजों में

By anand rajEdited By: Published: Wed, 27 May 2015 09:19 AM (IST)Updated: Wed, 27 May 2015 09:37 AM (IST)
दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में उपलब्ध होंगे ढेरों नए कोर्स

नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। दिल्ली विश्वविद्यालय में नए सत्र के लिए दाखिला प्रक्रिया 28 मई से शुरू होने जा रही है। ऐसे में उन विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है जो सीटों की कमी और पाठ्यक्रमों के अभाव के चलते दाखिला न हो पाने की चिंता से ग्रस्त हैं। डीयू के विभिन्न कॉलेजों में कई नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत आगामी सत्र में होने वाली है। डीयू की अकादमिक मामलों की स्थायी समिति ने कई कॉलेजों में नए कोर्सेज को मंजूरी दे दी है। स्थायी समिति के इस निर्णय को अब विद्वत परिषद् की हरी झंडी का इंतजार भर शेष है।

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हालांकि दिल्ली सरकार से सौ फीसदी अनुदान प्राप्त 12 कॉलेजों में नए कोर्सेज की शुरुआत का मामला फिलहाल लटक गया है और उम्मीद है कि स्थायी समिति की अगली बैठक में यह मामला सुलझ जाएगा। स्थायी समिति के एक सदस्य ने बताया कि हाल ही में हुई समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक में डीयू के विभिन्न कॉलेजों में नए कोर्सेज की शुरुआत को लेकर पेश प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। अगले शैक्षणिक सत्र में ये कोर्स इन कॉलेजों में शुरू हो जाएंगे।

ये हो सकते हैं नए पाठ्यक्रम

समिति की बैठक में मंजूर हुए प्रमुख पाठ्यक्रमों में साइकोलॉजी, फिलॉस्फी, बीए (ऑनर्स) पंजाबी, बीए (ऑनर्स) संगीत, बीएससी (ऑनर्स) मैथमेटिक्स व बीएससी (ऑनर्स) कम्प्यूटर साइंस आदि कोर्स शामिल हैं। जहां तक दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों की बात है तो भगिनी निवेदिता कॉलेज में बीएससी (ऑनर्स) फिजिक्स को शुरू करने की मंजूरी भी स्थायी समिति की ओर से दे दी गई है। इसे शुरू करने से पूर्व कॉलेज को इसके लिए आवश्यक संसाधन विकसित करने होंगे।

एएडी ने कुलपति को दिया ज्ञापन
दिल्ली सरकार से अनुदान प्राप्त कॉलेजों में नए कोर्सेज शुरू करने को मंजूरी नहीं दिए जाने के विरोध में एक्शन फॉर एकेडमिक डेवलपमेंट(एएडी) ने कुलपति को ज्ञापन दिया। एएडी ने कुलपति को इस तथ्य से अवगत कराया कि डीयू का एक्ट आर्डिनेंस और स्टेट्च्यूट कॉलेज के फंड के स्नोत के आधार पर भेदभाव नहीं करता है। डीयू के सभी कालेज एकसमान हैं और भारत की संसद के 1922 के एक्ट के द्वारा संरक्षित हैं। एएडी के प्रेस सचिव डॉ. राजेश झा ने बताया कि संगठन ने डीयू के अंतर्गत आने वाले दिल्ली सरकार के सभी कॉलेजों में नए पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुशंसा दिए जाने की मांग कुलपति से की है।

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