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पंजाब में बरकरार रहेगा राजग, कश्मीर में गर्माहट की कोशिश

राजग दलों के साथ बढ़ेगा भाजपा का मशविरा और मंथन का दौर, महबूबा मुफ्ती से मिलेंगे राम माधव।

By Manoj YadavEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2016 09:17 PM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2016 09:19 PM (IST)

नई दिल्ली। राजग की बैठक के साथ ही अब गठबंधन दलों के साथ रिश्ते पर जम रही धूल और विवाद को झाड़कर इसे चमकाने की कोशिश शुरू हो गई है। हालांकि राजग का नेतृत्व कर रही भाजपा की ओर से यह संकेत भी दे दिया गया है कि इस पूरे क्रम में पार्टी के हितों से कोई समझौता नहीं होगा।

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यह संकेत पंजाब चुनाव से पहले गठबंधन टूटने की अटकल को खारिज करते हुए वहां राजग बरकरार रहने का है। जबकि जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन के लिए अब भाजपा की ओर से कवायद होगी।

अकाली से बरकरार रहेगी दोस्ती

शिवसेना, अकाली दल और पीडीपी के साथ भाजपा के संबंध को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा होती रही है। सूत्रों का मानना है कि शिवसेना से तो फिलहाल भाजपा उसी तेवरों के साथ रहेगी जो शिवसेना की ओर से दिखाई जाती रही है। दरअसल, दोनों ओर से दिखाए जाने वाले गर्म तेवर संभवतः आगामी चुनावों को लेकर है।

पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव है। वहां भाजपा के कई नेताओं का मानना है कि महाराष्ट्र की तर्ज पर पंजाब में भी भाजपा को अलग होकर चुनाव लड़ना चाहिए और अपना आधार बढ़ाना चाहिए। लेकिन सूत्र बताते हैं कि केंद्रीय नेतृत्व दोस्ती बरकरार रखने के पक्ष में है। बताते हैं कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और अकाली नेता व पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की मुलाकात में कुछ मुद्दों पर चर्चा भी होगी।

बातचीत में इसका भी जिक्र हो सकता है कि भाजपा की हिस्सेदारी थोड़ी बढ़ाई जाए खासकर तब जबकि अकाली दस साल से सरकार का नेतृत्व कर रहा है। तर्क है कि सत्ताविरोधी लहर की काट के लिए थोड़ा बदलाव जरूरी है। इसकी भरपाई राज्यसभा में की जा सकती है। दूसरी ओर अकाली दल के आग्र्रह को ध्यान में रखते हुए केंद्र से पंजाब के लिए कुछ मदद या घोषणा हो सकती है।

कश्मीर में पहल

वहीं जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन को लेकर लंबी चुप्पी के बाद अब भाजपा महबूबा की ओर कदम बढ़ाएगी। सूत्रों के अनुसार जम्मू-कश्मीर का प्रभार देख रहे भाजपा महासचिव राम माधव जल्द ही महबूबा से मिल सकते हैं। उसके बाद महबूबा की मुलाकात अमित शाह से हो सकती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी।

हालांकि सूत्रों का कहना है कि इस पहल का यह मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि भाजपा उनकी किसी शर्त पर झुकती नजर आएगी। और न ही कोई नया समझौता पत्र होगा। लेकिन इस पहल के जरिए महबूबा तक यह संदेश जरूर पहुंचाया जाएगा कि भाजपा और केंद्र सरकार राज्य के विकास के लिए कृतसंकल्प है।

फंड में कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। समझौता पत्र में जो कुछ है उसका पालन किया जाएगा। बताते हैं कि इससे परे फिलहाल कोई बात नहीं होगी।

बाकियों को आश्वासन

बताते हैं कि दूसरे गठबंधन साथियों को यह आश्वासन दिया गया है कि भाजपा मिलकर काम करने को तैयार है। जो दल सरकार में शामिल हैं उनकी भी जिम्मेदारी है कि वे सरकार की उपलब्धियों को प्रचारित करें। भाजपा इस गठबंधन के साथ लंबी दूरी तक चलना चाहती है। दूसरे साथियों को उसी मंशा और कर्मठता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करना चाहिए।


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