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भूमि अधिग्रहण पर फिर अध्यादेश

भूमि अधिग्रहण संशोधन कानून को संसद से पारित कराने में हो रही देरी के चलते केंद्र सरकार ने एक बार फिर इस पर अध्यादेश लाने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को भूमि अधिग्रहण अध्यादेश तीसरी बार जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। लोकसभा से विधेयक

By Sumit KumarEdited By: Published: Sat, 30 May 2015 11:59 AM (IST)Updated: Sun, 31 May 2015 01:19 AM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भूमि अधिग्रहण संशोधन कानून को संसद से पारित कराने में हो रही देरी के चलते केंद्र सरकार ने एक बार फिर इस पर अध्यादेश लाने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को भूमि अधिग्रहण अध्यादेश तीसरी बार जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। लोकसभा से विधेयक पारित करवाने के बावजूद राज्यसभा में बहुमत न होने से सरकार को पीछे हटना पड़ रहा है।

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विपक्षी दलों के दबाव के चलते विधेयक इस वक्त राज्यसभा में विचाराधीन है। बिल पर विचार करने के लिए उसे संयुक्त संसदीय समिति को सौंपा गया है। समिति की सिफारिशों को आगामी सत्र में संसद के सामने रखा जाएगा। इस विधेयक के जरिये सरकार वर्ष 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन करना चाहती है। अध्यादेश पर सरकार की सिफारिश को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। उनके हस्ताक्षर के साथ ही यह फिर से लागू हो जाएगा।

नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से यह कुल मिलाकर 13वां अध्यादेश होगा। इसके साथ ही ग्रामीण विकास मंत्रालय ने संशोधित विधेयक पर सर्वदलीय सहमति बनाने के प्रयास भी तेज कर दिए हैं।

कब-कब आया अध्यादेश
-भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पहली बार पिछले वर्ष दिसंबर में लागू किया गया था। इस अध्यादेश को बीते बजट सत्र के दूसरे चरण में लोकसभा में रखा गया और 10 संशोधनों के साथ मंजूर भी कर लिया गया। लेकिन राज्यसभा में बहुमत न होने के चलते सरकार ने इसे पेश नहीं किया।

इसी साल मार्च में केंद्र सरकार दूसरी बार यह अध्यादेश लेकर आई। उस समय संसद का बजट सत्र चल रहा था और अध्यादेश लाने के लिए सरकार को बीच में ही राज्यसभा का सत्रावसान भी करना पड़ा। इसकी समय सीमा आगामी चार जून को समाप्त होने वाली है।

कांग्रेस ने भी किया है यह काम

हाल के वर्षों में यह दूसरा मौका है, जब केंद्र सरकार किसी मुद्दे पर तीसरी बार अध्यादेश ला रही है। मजे की बात यह है कि इस समय अध्यादेश के जरिये भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन का विरोध कर रही कांग्रेस भी यह राह अपना चुकी है। मनमोहन सरकार के समय सेबी संशोधन अध्यादेश तीन बार जारी किया गया था।

किसानों की जमीन छीनने के लिए उतावले क्यों हैं मोदी

भूमि अधिग्रहण पर तीसरी बार अध्यादेश लाने के कैबिनेट के फैसले के बाद राहुल गांधी ने सरकार पर जोरदार हमला किया। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने अपने ट्वीट में कहा कि गरीब किसानों से किसी भी कीमत पर जमीन छीनने के लिए मोदी जी आश्चर्यजनक रूप से उतावले हैं। कांग्रेस पार्टी किसानों और मजदूरों के अधिकार के लिए इस सूट-बूट की सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ती रहेगी।

आधारहीन हैं राहुल के आरोप उन्हें होमवर्क करना चाहिए
राहुल के आरोपों पर भाजपा ने जोरदार पलटवार किया। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल किसी तरह का होमवर्क नहीं करते हैं और आधारहीन आरोप लगाना उनकी राजनीति का हिस्सा हो गया है। उन्होंने कहा कि भूमि अध्यादेश के खिलाफ उनके आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं। प्रसाद ने कांग्रेस शासित उत्तराखंड में 2013 की आपदा के बाद राहत राशि की लूट पर स्पष्टीकरण देने की मांग की।

भूमि अधिग्रहण पर निरंतरता बनाए रखने के लिए हमने फिर से अध्यादेश लाने का फैसला किया है। हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि किसानों को मुआवजा मिलने में किसी तरह की परेशानी न हो।
-रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय दूरसंचार मंत्री


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