नृपेंद्र मिश्र की नियुक्ति का विरोध नहीं करेगी राकांपा
मुंबई [जागरण न्यूज नेटवर्क]। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी [राकांपा] भारतीय दूरसंचार नियामक प्रधिकरण [ट्राई] कानून में संशोधन के लिए पेश विधेयक का विरोध नहीं करेगी। इस संशोधन से ट्राई के पूर्व अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नियुक्त करने में आ रही कानूनी अड़चन समाप्त हो जाएगी। कांग्रेस की प
मुंबई [जागरण न्यूज नेटवर्क]। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी [राकांपा] भारतीय दूरसंचार नियामक प्रधिकरण [ट्राई] कानून में संशोधन के लिए पेश विधेयक का विरोध नहीं करेगी। इस संशोधन से ट्राई के पूर्व अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नियुक्त करने में आ रही कानूनी अड़चन समाप्त हो जाएगी। कांग्रेस की प्रमुख सहयोगी राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि सदन में नेता प्रतिपक्ष एक अनिवार्य व्यवस्था है। यह अत्यंत जरूरी है कि यह पद रहे। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में सीधे विदेशी निवेश का विरोध किया है।
मिश्र की नियुक्ति के मुद्दे पर संप्रग के रुख से अलग राय जाहिर करते हुए पवार ने कहा, हम संसद में बिल का विरोध नहीं करेंगे। ऐसा अंतिम कदम उठाने की कोई जरूरत नहीं है। ऐसा नहीं है कि कोई व्यक्ति सरकारी नौकरी छोड़कर रिलायंस या किसी और निजी क्षेत्र में नौकरी करने जा रहा है। नृपेंद्र मिश्र सरकारी नौकरी में ही लौटे हैं।' एनसीपी अध्यक्ष ने पंजाब कैडर के आइएएस अधिकारी टीकेए नायर का उदाहरण दिया जो सेवानिवृत्ति के बाद संप्रग सरकार के समय में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रिंसिपल सेक्रेटरी बनाए गए थे।
कांग्रेस ने ट्राई कानून में बदलाव के मोदी सरकार के कदम पर आपत्ति की है। ज्ञातव्य है कि राजनीतिक पार्टियों के विरोध को नजरअंदाज करते हुए शुक्रवार को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में ट्राई एक्ट में संशोधन का विधेयक पेश किया है ताकि यह नया कानून 28 मई को जारी उस अध्यादेश का स्थान ले सके जिसके जरिये ट्राई कानून में संशोधन कर मिश्र की नियुक्ति की गई थी। ट्राई कानून के मुताबिक, इसका अध्यक्ष रिटायर होने के बाद किसी सरकारी पद को स्वीकार नहीं कर सकता है।
पत्रकारों से बातचीत में पवार की नेता प्रतिपक्ष पद को अत्यंत जरूरी ऐसे समय में बताया गया है जब कांग्रेस इस पद पर दावा करते हुए इस मुद्दे पर तत्काल फैसला लेने के लिए लोकसभा की सभापति सुमित्रा महाजन को पत्र लिखने का फैसला कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस बात पर जोर दे रही हैं कि सबसे बड़ी पार्टी होने और चुनाव पूर्व गठबंधन के तहत यह पद कांग्रेस को मिलना चाहिए।
पवार ने कहा कि बुनियादी ढांचा के क्षेत्र में सीधा विदेशी निवेश आमंत्रित किया जा सकता है लेकिन रक्षा क्षेत्र में इसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। संवेदनशील क्षेत्रों में एफडीआइ सोच समझकर ही लाया जाना चाहिए।
भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बारे में उन्होंने टिप्पणी करने से बचते हुए कटाक्ष किया कि जिस पार्टी में अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे लोग राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हों, यदि वह अमित शाह को अब उस पद पर बैठाती है तो वही जाने।