जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण सफल
सुपर सोनिक लैंड क्रूज मिसाइल के सफल परीक्षण के साथ भारत इस ताकत को हासिल करने वाले दुनिया के चुनिंदा देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने समुद्री जंगी जहाज से जमीन पर मार करने वाले ब्रहमोस सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण करने की कामयाबी हासिल कर ली है। नौसेना ने शुक्रवार को समुद्र से दुश्मन के इलाके में अंदर तक जमीन पर मार करने की यह ताकत हासिल कर अपनी रणनीतिक सैन्य क्षमता में बढ़ी बढ़त हासिल की है। सुपर सोनिक लैंड क्रूज मिसाइल के सफल परीक्षण के साथ भारत इस ताकत को हासिल करने वाले दुनिया के चुनिंदा देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है।
भारत से पहले केवल चार देशों अमेरिका, रुस, चीन और ब्रिटेन के पास ही समुद्र से जमीन पर मार करने की लैंड क्रूज सुपर सोनिक मिसाइल क्षमता रही है। रक्षा मंत्रालय ने नौसेना के युद्धक जहाज तेग से ब्रहमोस सुपर सोनिक लैंड क्रूज मिसाइल का परीक्षण कामयाब होने की पुष्टि की। नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने कहा कि मिसाइल ने जमीन पर अपने तय लक्ष्य पर अचूक निशाना साधा।
इस मिसाइल का परीक्षण बंगाल की खाड़ी में किया गया। लंबी दूरी की ब्रह्मोस मिसाइल का यह संस्करण भारत और रुस ने संयुक्त रुप से मिलकर विकसित किया है। ब्रह्मोस मिसाइल का एंटी शिप संस्करण पहले से ही नौसेना के पास है। नौसेना के कोलकाता, रणवीर और तेग जैसे युद्धक जहाज एंटी शिप मिसाइल से दुश्मन पर प्रहार करने की क्षमता रखते हैं।
ब्रहमोस संस्करण की जमीन पर मार करने वाले सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल की ताकत के सहारे नौसेना समुद्र में दुश्मन की सीमा से दूर रहते हुए भी उसकी सीमा के अंदर के जमीनी लक्ष्य पर सटीक प्रहार कर सकती है। वैसे भारतीय सेना ने ब्रहमोस लैंड क्रूज मिसाइल का वर्ष 2007 में ही सफल आपरेशन शुरू कर दिया था। ब्रहमोस मिसाइल की ताकत से नौसेना को लैस करने के अहम प्रोजेक्ट का आगाज 2005 में शुरू हुआ था। ब्रहमोस मिसाइल की क्षमता 290 किलोमीटर की दूरी तक मार करने की है। भारत अपनी सेनाओं के आधुनिकीकरण के साथ इनकी रणनीतिक सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिहाज से 450 से लेकर 800 किलोमीटर रेंज के ब्रहमोस सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल को विकसित करने पर काम कर रहा है।
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