जांच के घेरे में आया गुजरात का नवसर्जन ट्रस्ट, आर्थिक गड़बड़ियों का आरोप
संस्था पर कच्छ में भूकंप पीडि़तों के पुनर्वास के नाम पर स्विट्जरलैंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन से भी 30 करोड़ लेने का आरोप है।
अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की सबरंग संस्था के बाद गुजरात सरकार ने दलित अधिकारों के लिए काम कर रहे नवसर्जन ट्रस्ट पर आर्थिक गड़बडि़यों को लेकर शिकंजा कसा है। संस्था के पूर्व कर्मचारियों ने ही वहां करोड़ों की हेराफेरी का आरोप लगाया है।
नवसर्जन ट्रस्ट अहमदाबाद के संचालक मार्टिन मेकवान व मंजुला प्रदीप के खिलाफ दलित अधिकार संघर्ष समिति के रवजीभाई माघडे़ तथा संस्था के पूर्व कर्मचारियों ने शिकायत की थी। हाई कोर्ट की न्यायाधीश सोनिया गोकाणी के आदेश पर अमरेली में संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
सामाजिक न्याय मंत्री आत्माराम परमार ने कहा कि नवसर्जन के खिलाफ भ्रष्टाचार, कर्मचारियों का आर्थिक शोषण, धोखाधड़ी व विदेश से मिले फंड का दुरुपयोग करने की शिकायत मिली है। सरकार ने गृह विभाग को मामले की जांच का आदेश दिया है। अमरेली एसपी मामले की जांच करेंगे।
संस्था पर कच्छ में भूकंप पीडि़तों के पुनर्वास के नाम पर स्विट्जरलैंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन से भी 30 करोड़ लेने का आरोप है। नवसर्जन के ढाई सौ पूर्व कर्मचारियों का आरोप है कि राज्य के विविध जिलों में प्रोजेक्ट के नाम पर करोड़ों की हेराफेरी की गई है। नवसर्जन के संचालक मार्टिन मेकवान ने कहा कि उनकी संस्था दलितों के लिए काम कर रही है। संस्था में कोई भ्रष्टाचार नहीं , जो भी एजेंसी जांच करना चाहे, कर सकती है।
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