दुष्कर्म के आरोप में पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अय्यूब गिरफ्तार
पुलिस ने दुष्कर्म के आरोप में पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व विधायक डॉ. अय्यूब को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राजधानी पुलिस ने दुष्कर्म के आरोप में पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व विधायक डॉ. अय्यूब को गिरफ्तार कर मंगलवार को जेल भेज दिया तो एक बार फिर माननीयों के अफसाने ताजा हो गए। समय-समय पर माननीयों के कारनामों से खादी शर्मसार होती रही है।सपा सरकार में कद्दावर मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति की गिरफ्तारी के बाद से यह कयास लगने लगे थे कि अय्यूब पर भी शिकंजा कसेगा लेकिन, उनकी गिरफ्तारी में थोड़ी देरी हो गई।
चुनाव के दौरान ही गायत्री और अय्यूब के अलग-अलग मामले सुर्खियों में आए थे। गायत्री पर चित्रकूट की एक महिला और अय्यूब पर लखनऊ की एक छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। वैसे तो खादी पर माननीयों के दाग लगाने का सिलसिला बड़ा पुराना है। वर्ष 2003 में कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या में तत्कालीन मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के दामन पर दाग लगे तो वह आज तक सजा भुगत रहे हैं।
बसपा हुकूमत में बांदा के विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी पर दुष्कर्म का आरोप हो या पिछली सपा हुकूमत में सीतापुर के सेवता क्षेत्र के माननीय महेन्द्र सिंह उर्फ झीन बाबू के गोवा में पकड़े जाने का मामला, ऐसे किस्से पुलिस की फाइलों में दर्ज हैं। डॉ.अय्यूब का कारनामा इसका विस्तार है। कई ऐसे भी लोग रहे जिन पर आरोप तो लगे लेकिन अदालत से बरी हो गए। 2007 के शशि अपहरण कांड में ऐसे ही एक माननीय को बरी कर दिया गया लेकिन, पूर्व विधायक भगवान शर्मा उर्फ गुडडू शर्मा, योगेन्द्र सागर, अवध पाल यादव, मनोज पारस, अरुण वर्मा, अनूप संडा, मदन गोपाल वर्मा जैसे कई माननीय रहे जिन पर आरोप लगे। कइयों पर मुकदमा दर्ज हुआ। कई आरोपों से बरी भी हुए लेकिन, जब भी कोई नई घटना होती तो पुराने अफसाने भी ताजा हो जाते हैं।