बिना अनुमति भूजल दोहन पर राठी स्टील को एनजीटी का नोटिस
एनजीटी ने भूजल प्राधिकरण को कंपनी के आवेदन पर शीघ्र फैसला करने का निर्देश भी दिया। उसने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी कंपनी के लंबित आवेदन पर शीघ्र फैसला लेने को कहा है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। एनजीटी ने गाजियाबाद स्थित राठी स्टील एंड पावर लिमिटेड के संयंत्र को नोटिस जारी कर पूछा है कि बिना अनुमति के भूजल का दोहन करने के लिए क्यों न उस पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति जुर्माना लगाया जाए। केंद्रीय तथा उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों की ओर से पेश रिपोर्ट का हवाला देते हुए एनजीटी ने कहा क्यों न उक्त स्टील इकाई पर हवा में 10 पीएम का प्रदूषण फैलाने के लिए उपयुक्त कार्रवाई की जाए?
एनजीटी प्रमुख जस्टिस यूडी साल्वी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जांच टीम ने पाया है कि राठी स्टील 20 हार्स पावर प्रत्येक क्षमता वाले तीन सबमर्सिबल पंपों के जरिए औद्योगिक व घरेलू उपयोग के लिए जमीन से पानी निकाल रही है। कंपनी ने भूजल निकालने की अनुमति के लिए केंद्रीय भूजल प्राधिकरण को 11 जुलाई, 2017 को आवेदन दिया था। परंतु उस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। लिहाजा हम राठी स्टील को नोटिस जारी कर पूछते हैं कि आखिर क्यों न उन पर बिना अनुमति पानी निकालने के लिए जुर्माना लगाया जाए।
एनजीटी ने भूजल प्राधिकरण को कंपनी के आवेदन पर शीघ्र फैसला करने का निर्देश भी दिया। उसने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी कंपनी के लंबित आवेदन पर शीघ्र फैसला लेने को कहा है। इससे पहले ट्रिब्यूनल राठी स्टील पर पिछले साल 20 लाख रुपये का पर्यावरण क्षतिपूर्ति जुर्माना लगा चुका है। यह राशि दो किस्तों में उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के खाते में जमा की जानी थी। एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को राठी की उक्त इकाई द्वारा निष्कासित उत्प्रवाहों की जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा था। मामले की अगली सुनवाई 5 मार्च को होगी।
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