2020 में मंगल पर नया शोध यान भेजेगा नासा
नासा ने मंगल पर मार्स 2020 को उतारने के लिए स्थान भी चिह्नित कर लिए हैं। वैसे तो सूची में कई स्थान थे।
नई दिल्ली (जागरण रिसर्च डेस्क)। मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश में जुटी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा 2020 में वहां मार्स 2020 नामक नया मानवरहित शोध यान भेजेगी। सात नए उपकरणों से लैस यह शोध यान वहां गहन अध्ययन करेगा। नासा की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी द्वारा बनाया गया यह शोध यान वहां मौजूद क्यूरोसिटी शोध यान का स्थान लेगा। नासा मंगल पर सफलतापूर्वक सात बार शोध यान उतार चुका है।
सात अत्याधुनिक उपकरणों से लैस
मार्स 2020 में सात नए अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं। इनके जरिये यह वहां की सतह और उसके नीचे मौजूद मिट्टी और चट्टानों के नमूने लेकर उनका अध्ययन अधिक सटीकता से कर सकेगा।
687 दिन का अभियान
नासा मार्स 2020 को जुलाई या अगस्त 2020 में लांच करेगा। यह अंतरिक्ष में सफर करता हुआ फरवरी 2021 को मंगल ग्रह पर उतरेगा। यह अभियान मंगल ग्रह के कम से कम एक साल यानी पृथ्वी के 687 दिनों का होगा।
तीन स्थान चिह्नित
नासा ने मंगल पर मार्स 2020 को उतारने के लिए स्थान भी चिह्नित कर लिए हैं। वैसे तो सूची में कई स्थान थे। लेकिन सिर्फ तीन को ही अंतिम रूप से चुना गया। ये स्थान कोलंबिया हिल्स, जेजेरो क्रेटर, एनई साइर्टिस हैं। इनमें से ही किसी एक पर इसे उतारा जाएगा। इसे उन स्थानों पर भी ले जाया जाएगा जहां क्यूरोसिटी नहीं जा सकता।
क्यूरोसिटी रोवर
इसे नासा ने 26 नवंबर, 2011 को लांच किया था। यह छह अगस्त, 2012 को मंगल ग्रह के गेल क्रेटर नामक स्थान पर उतरा था। दिसंबर 2012 में इसके दो साल के प्रस्तावित अभियान को बढ़ाया गया। 26 नवंबर, 2017 तक इसे मंगल पर रहते हुए 1,938 दिन हो गए। इसने वहां 17.31 किमी की दूरी तय की।
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