नासा ने खोज निकाला सबसे पुराना तारा
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने तकरीबन 11.2 अरब साल पुराने तारे की खोज की है। यह अब तक पहचाने गए तारों में सबसे पुराना है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के केपलर अंतरिक्षयान द्वारा चार साल में भेजे गए डाटा के विश्लेषण से इस तारे का पता चला। इस तारे का नाम केपलर-444
लंदन। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने तकरीबन 11.2 अरब साल पुराने तारे की खोज की है। यह अब तक पहचाने गए तारों में सबसे पुराना है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के केपलर अंतरिक्षयान द्वारा चार साल में भेजे गए डाटा के विश्लेषण से इस तारे का पता चला। इस तारे का नाम केपलर-444 है और इसका आकार पृथ्वी के लगभग बराबर है। धरती के आकार वाले पांच ग्रह केपलर-444 के चक्कर लगाते हैं।
वैज्ञानिकों ने इस तारे का चक्कर काटने वाले पांच ग्रहों का भी पता लगाया है, जिनका आकार पृथ्वी के लगभग बराबर है। यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम के शोधकर्ता टिएगो कैंपेंटे ने बताया, 'शोध में पता चला कि पृथ्वी के आकार के ये ग्रह ब्रह्मांड के 13.8 अरब साल के इतिहास में निर्मित हुए हैं, जिससे आकाशगंगा में प्राचीन जीवन के अस्तित्व की संभावना और मजबूत होती है।'
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शोध में बताया गया है कि आकार में सूर्य से 25 फीसदी छोटे तारे केपलर-444 की पृथ्वी से दूरी 117 प्रकाश वर्ष है। इस तारे के पांच ग्रहों के आकार बुद्ध और शुक्र ग्रह से मिलते जुलते हैं। ये ग्रह अपने तारे से इतने पास हैं कि 10 दिनों से भी कम समय में तारे का चक्कर पूरा कर लेते हैं। तारे के इतने पास रहने के कारण ये सभी ग्रह बुद्ध से भी ज्यादा गर्म हैं और जीवन के अनुकूल नहीं हैं।
आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी में भौतिकी और अंतरिक्ष विज्ञान के प्रोफेसर एवं सह-शोधकर्ता स्टीव केवलर ने कहा, 'केपलर-444 बहुत चमकीला है और दूरबीन की सहायता से आसानी से देखा जा सकता है। यह आकाशगंगा के सबसे प्राचीन सौर मंडलों में से एक है।'