गुजरात दंगों पर नानावती आयोग की रिपोर्ट अगले हफ्ते संभव
गुजरात में 27 फरवरी 2002 में हुए गोधरा कांड और प्रतिक्रिया स्वरूप हुए राज्यव्यापी दंगों की जांच लंबे इंतजार के बाद आखिरकार पूरी हो ही गई।
अहमदाबाद [राज्य ब्यूरो]। गुजरात में 27 फरवरी 2002 में हुए गोधरा कांड और प्रतिक्रिया स्वरूप हुए राज्यव्यापी दंगों की जांच लंबे इंतजार के बाद आखिरकार पूरी हो ही गई।
नानावती आयोग ने 12 वर्षों के पड़ताल के बाद अपनी अंतिम रिपोर्ट तैयार कर ली है। इसे छपने के लिए भेजा जा चुका है। उम्मीद है कि आयोग अगले हफ्ते रिपोर्ट सरकार को सौंप देगा। ज्ञात हो,आयोग की 2008 में पेश प्राथमिक रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्यमंत्री और देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी गई थी।
सूत्रों के मुताबिक, न्यायाधीश जी टी नानावती और अक्षय मेहता आयोग का कार्यकाल शुक्रवार को पूरा हो गया,सरकार से समय सीमा विस्तार की मांग नहीं की गई है। आयोग ने गत 12 वर्षो में दंगों से संबंधित आला अफसरों, पुलिस कर्मियों, सैकड़ों दंगा पीडितों, गवाहों (चश्मदीदों), मानवाधिकारों के लिए काम कर रहे दर्जनों संगठनों के पदाधिकारियों के बयान दर्ज किए हैं। यह अलग बात है कि इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए आयोग के कार्यकाल को 24वीं बार बढ़ाया गया।
गत 30 सितंबर को ही सरकार ने आयोग को एक माह (31 अक्टूबर तक) का सेवा विस्तार दिया था। ज्ञात हो, सरकार ने दंगा मामलों की जांच के लिए नानावती-शाह आयोग गठित किया था। न्यायाधीश केजी शाह के आकस्मिक निधन के चलते सेवानिवृत्त न्यायाधीश अक्षय मेहता को आयोग में शामिल किया गया था।
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