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काले धन में उजागर किए जा सकते हैं नाम

काला धन मामले में पूर्ण गोपनीयता से इन्कार करते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि जो लोग स्वेच्छा से अपनी संपत्ति की जानकारी दे रहे हैं, जनहित में उनका नाम भी उजागर किया जा सकता है

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2015 09:53 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2015 10:00 PM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । काला धन मामले में पूर्ण गोपनीयता से इन्कार करते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि जो लोग स्वेच्छा से अपनी संपत्ति की जानकारी दे रहे हैं, जनहित में उनका नाम भी उजागर किया जा सकता है। हालांकि बिना वाजिब कारण के किसी का नाम नहीं सार्वजनिक किया जाएगा।

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इस बात की जानकारी राजस्व सचिव शक्तिकांत दास ने काले धन पर नए कानून के बारे में सोशल मीडिया पर आम लोगों के सवालों के जवाब में दी। नए कानून के संबंध में यू-ट्यूब और ट्विटर पर मंगलवार को घंटेभर चले टॉकेथन कार्यक्रम में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की अध्यक्ष अनीता कपूर भी मौजूद थीं।

राजस्व सचिव ने कहा कि विदेश में जमा काले धन को वापस लाने के लिए नया कानून सिर्फ शुरुआत भर है। इसकी असली मुहिम अगले साल से शुरू होगी, जब विदेशी सरकारों से भारतीयों के काले धन की जानकारी मिलनी शुरू होगी। अमेरिकी कानून फटका के तहत जल्द ही भारत को काले धन के बारे में सूचना मिलनी शुरू हो जाएगी। बहुपक्षीय समझौता लागू होने पर 2017 से दुनियाभर के कई देश भारत के साथ काले धन पर सूचनाएं साझा करेंगे।

राजस्व सचिव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि बहुपक्षीय समझौता लागू होने पर भारत को स्विटजरलैंड सहित कई देशों से 2017 से सूचनाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। स्विटजरलैंड उन मामलों में सूचनाएं साझा कर रहा है, जिनमें भारत ने अपने स्तर पर जांच की है और अभियोजन शुरू किया है। उन्होंने कहा कि स्विस बैंकों में जिन भारतीयों के धन जमा होने की सूचना मिली थी, उस सूची में से 122 से अधिक मामलों में मुकदमा शुरू हो गया है।

काले धन पर नए कानून के बारे में सीबीडीटी की अध्यक्ष अनीता कपूर ने कहा कि मौजूदा आयकर कानून पर्याप्त नहीं था, इसलिए सरकार ने नया कानून बनाया है। एक सवाल के जवाब में कपूर ने कहा कि विदेश गए भारतीय छात्रों और पेशेवरों को इस कानून के प्रावधानों को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। इससे उन्हें अनावश्यक परेशानी नहीं होगी।

दास ने कहा कि जिस किसी को भी नए कानून के बारे में कुछ पूछना है वे सीधे वित्त मंत्रालय को लिख सकते हैं। अगर जरूरी हुआ तो वित्त मंत्रालय अगले कुछ दिनों में इस संबंध में स्पष्टीकरण भी जारी करेगा।


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