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मुस्लिम समुदाय ने महिलाओं को रखा गुलाम, इसीलिए हैं पिछड़े- वीसी,एएमयू

लीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी(एएमयू) के वाइस चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल(रिटायर्ड) जमीरूद्दीन शाह ने मुस्लिमों के पिछड़ेपन के लिए महिलाओं के साथ गुलामों जैसा व्यवहार रखने को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि, मुसलमानो ने आधी आबादी को आगे बढ़ने का मौका नहीं दिया गया। महिलाओं को दासों की तरह रखा गया। वे

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2015 08:16 AM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2015 08:43 AM (IST)
मुस्लिम समुदाय ने महिलाओं को रखा गुलाम, इसीलिए हैं पिछड़े- वीसी,एएमयू

नई दिल्ली। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी(एएमयू) के वाइस चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल(रिटायर्ड) जमीरूद्दीन शाह ने मुस्लिमों के पिछड़ेपन के लिए महिलाओं के साथ गुलामों जैसा व्यवहार रखने को जिम्मेदार ठहराया है।

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उन्होंने कहा कि, मुसलमानो ने आधी आबादी को आगे बढ़ने का मौका नहीं दिया गया। महिलाओं को दासों की तरह रखा गया। वे घर से बाहर निकल ही नहीं पाई। मुस्लिम किसी और को दोष न दें। आपने महिलाओं को गुलाम समझा और इसका नतीजा यह रहा कि आप गुलाम बन गए।

लखनऊ में एएमयू ओल्ड बॉयज कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, मैं सऊदी अरब में रहा, तुर्की और ईरान को छोड़कर सभी मुस्लिम देशों में महिलाओं को बंधन में रखा गया। उनके पिछड़ेपन का यही कारण है। उन्होंने रमजान के दौरान मुस्लिमों के काम न करने पर भी सवाल उठाए और कहाकि, मुस्लिम एक साल में 11 महीने काम करते हैं। रमजान के दौरान वे काम नहीं करते। अन्य दिनों में भी वे ढाई दिन तक काम नहीं करते। शुक्रवार को वे नमाज की तैयारियां करते हैं और फिर वीकेंड आ जाता है।'

उन्होंने कहा, 'आप लोगों ने शिक्षा को छोड़ दिया। समुदाय के अंदर तनातनी चलती है। समाज में धर्म को लेकर भी मतभेद है। इससे एएमयू को भी नुकसान हो रहा है। योग्यता और काबिलियत का ही सर्वाधिक महत्व है। मैंने अपना सफर मदरसा छात्र से शुरू किया था और आज आप सबके सामने हूं। मुस्लिम समुदाय सिर्फ भेदभाव की बात करता है जो दिखता ही नहीं है।'

एएमयू में बदलाव के बारे में उन्होंने कहा, 'हो सकता है कि मैं सबसे अलोकप्रिय वाइस चांसलर हूं लेकिन मैं चिंतित नहीं हूं। मैंने संस्थान में बदलाव के लिए अपना काम किया। 400 अध्यापकों की नियुक्ति कर मैने 4000 दुश्मन बना लिए। इससे पहले एएमयू के स्कूल थर्ड ग्रेड थे। हमने प्रतिस्पर्घा के आधार पर नियुक्तियां की है।'

शाह ने इसके अलावा एएमयू के दूसरे शहरों में सर सैयद एडुकेसन फाउंडेशन के तहत स्कूल स्थापित करने के बारे में कहा कि अब तक इस संबंध में 30 शहरों से प्रस्ताव मिले हैं, जहां लोग स्कूल की स्थापना के लिए 2 एकड़ जमीन दान में दी है। एएमयू ने इस संबंध में अल्पसंख्यक मंत्रालय से इन स्कूलों की स्थापना के लिए कम से कम 10 एकड़ जमीन मुहैया कराने की सिफारिश की है।

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