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हिंदुओं ने कराया बिसाहड़ा की मुस्लिम बेटियों का निकाह

उप्र सांप्रदायिक हिंसा से झुलसे बिसाहड़ा गांव ने रविवार को हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल पेश की। गांव की मुस्लिम बेटियों की बरात का हिंदू समुदाय ने जोरदार स्वागत किया।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2015 01:47 AM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2015 02:04 AM (IST)

राजीव वशिष्ठ, दादरी। उप्र सांप्रदायिक हिंसा से झुलसे बिसाहड़ा गांव ने रविवार को हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल पेश की। गांव की मुस्लिम बेटियों की बरात का हिंदू समुदाय ने जोरदार स्वागत किया। सौहार्दपूर्ण माहौल में हकीम की दोनों बेटियों के निकाह की रस्में हुई।

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दोनों समुदाय के लोगों ने एक-दूसरे को गले मिलकर बधाई दी। स्वागत से गदगद बराती गांव से सांप्रदायिक सद्भाव की अनूठी यादें समेटे दुल्हनों के साथ विदा हुए। 28 सितंबर को गोहत्या की अफवाह के बाद बिसाह़़डा गांव में इकलाख की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी जबकि उसका बेटा दानिश गंभीर रूप से घायल हो गया था। इस घटना के बाद कई दिनों तक बिसाहड़ा सांप्रदायिक हिंसा से झुलसा रहा। गांव में हिंदू-मुस्लिम समुदाय के बीच दरकी विश्वास की दीवार से हकीम की दो बेटियों रेशमा व जैतून का निकाह भी अधर में पड़ गया था। वर पक्ष ने गांव में निकाह के लिए आने से इनकार करते हुए दादरी में इंतजाम करने की बात कही थी।

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बेटियों को घर से डोली में बिठाकर विदा करने की हसरत पाले हकीम ने इसके बाद जीटी रोड स्थित इस्लामिया मदरसे में इंतजाम किए थे। वहीं पुलिस प्रशासन के प्रयास के बाद गांव में दोनों समुदायों के बीच लौटे सौहार्दपूर्ण वातावरण की वजह से हकीम की हसरत पूरी होने की उम्मीद जगी। हिंदुओं ने वर पक्ष से बिसाह़़डा गांव में बरात लाने की गुजारिश की। पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा का भरोसा दिया। अधिकारी सुरक्षा का आश्वासन देने के लिए वर पक्ष के घर भी पहुंचे। रविवार दोपहर करीब बारह बजे प्यावली व सादुल्लापुर से हकीम की बेटियों की बरात बिसाह़़डा पहुंच गई। यहां हिंदू समुदाय ने बरातियों का गर्मजोशी से स्वागत किया।

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गलतफहमी दूर हुई : प्यावली गांव से बेटे की बरात लेकर आए पप्पू ने बताया कि हिंदू समाज द्वारा गर्मजोशी के साथ हुए स्वागत से गलतफहमी दूर हो गई।

मन में भय था : रेशमा से निकाह करने वाले मोमिन ने बताया कि बरात लेकर आने को लेकर मन में भय था, लेकिन गांव में जिस तरह हिंदू समाज ने स्वागत व सत्कार किया, उसे देखकर बहुत खुशी हुई है।

भरोसे से बंधी हिम्मत : सादुल्लापुर से बेटे की बरात लेकर आए शनूवर ने कहा कि अधिकारियों व हिंदुओं ने सुरक्षा का भरोसा दिया तो बरात लेकर आने की हिम्मत बंधी। हमेशा रहे ऐसा माहौल : जैतून के शौहर नाजिम ने बताया कि गांव में भाईचारे का यह माहौल हमेशा बना रहना चाहिए।

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