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मुरथल गैंगरेप मामले में एसआइटी के हाथ लगे अहम सुराग, कोर्ट मित्र ने उठाए सवाल

एसआइटी के हाथ मुरथल गैंगरेप मामले में कुछ अहम सुबूत हाथ लगे हैं, लेकिन एसआइटी अधिकारी इस बारे में चैैंबर में जाकर जजों को जानकारी दे सकते हैैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 22 Oct 2016 06:59 PM (IST)Updated: Sat, 22 Oct 2016 07:12 PM (IST)
मुरथल गैंगरेप मामले में एसआइटी के हाथ लगे अहम सुराग, कोर्ट मित्र ने उठाए सवाल

जेएनएन, चंडीगढ़। लंबे समय से हरियाणा सरकार की फजीहत का कारण बने मुरथल गैंगरेप मामले में एआइटी को कुछ पुख्ता सुबूत हाथ लगे हैैं। एसआइटी ने इस बाबत पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट को सूचित किया है। हालांकि एसआइटी ने इसके बारे में ओपन कोर्ट में बताने से इन्कार कर दिया। एसआइटी चीफ चैैंबर में जाकर इस बारे में जजों को जानकारी दे सकते हैैं।

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इस दौरान मुरथल में मिले महिलाओं के अंतवस्त्रों पर पड़े वीर्य के बारे में फोरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट का हवाला भी दिया गया। बताया गया कि इस बारे में अगली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट में सील बंद रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।

मामले में शनिवार को सुनवाई शुरू होते ही हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा कि क्या मुरथल गैंगरेप से जुड़ी कोई स्टेटस रिपोर्ट लेकर आए हैैं। इस पर हरियाणा सरकार की ओर से बताया गया कि स्टेटस रिपोर्ट तैयार है और हाल ही में एसआइटी के हाथ इस दिशा में कुछ अहम सुराग लगे हैं। इन सुरागों और अन्य बातों के बारे में वे ओपन कोर्ट में नहीं बता सकते। यह एक संजीदा मुद्दा है और कई लोगों की पहचान को छुपाने का वायदा किया गया है। ऐसे में एसआइटी चीफ इसे चैंबर में ही जजों को बता सकती हैं।

इस पर हाई कोर्ट ने पूछा कि कुछ तो उपलब्धि होगी जो एसआइटी ने हासिल की हो। इस पर बताया गया कि मुरथल में महिलाओं के जो अंतवस्त्र खेतों में मिले थे और उन्हें फोरेंसिक लैब भेजा गया था उसकी रिपोर्ट आ गई है। हालांकि इस बारे में भी ओपन कोर्ट में किसी भी तरह की जानकारी देने और इसे कोर्ट मित्र से सांझा करने से इन्कार कर दिया गया।

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इसका विरोध करते हुए कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता ने कहा कि हरियाणा सरकार उन्हें इस केस से अलग करना चाहती है और इसी प्रयास में उनसे सुबूत छुपाए जा रहे हैं। गुप्ता ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सुबूतों को देखकर कहीं कोर्ट मित्र इनकी पोल बेंच के सामने न खोल दें सरकार इससे डर रही है।

सरकार ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया। हरियाणा सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह सुबूत बेंच को दे दिए जाएंगे और आगे बेंच यदि इन्हें कोर्ट मित्र से साझा करना चाहे तो यह कोर्ट का खुद का निर्णय होगा। हाई कोर्ट ने सभी दलीलों को सुनने के बाद इस मामले की सुनवाई 3 दिसंबर तक के लिए टाल दी। इस दौरान सील बंद स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट को सौंपने के आदेश दिए हैं।

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