कलाम प्रेम में नही मानी उन्ही की बात
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के निधन के बाद दो दिनों के लिए स्थगित हुई संसद को लेकर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, कलाम साहब ने एक बार कहा था कि 'मेरी मौत के बाद कोई छुट्टी मत करना। मुझे सच्ची श्रद्धांजलि देनी है तो एक दिन ज्यादा काम करना।'
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के निधन के बाद दो दिनों के लिए स्थगित हुई संसद को लेकर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, कलाम साहब ने एक बार कहा था कि 'मेरी मौत के बाद कोई छुट्टी मत करना। मुझे सच्ची श्रद्धांजलि देनी है तो एक दिन ज्यादा काम करना।' ऐसे में संसद के बंद होने को लेकर सोशल मीडिया में भी सवाल उठ रहे हैं। लेकिन संसद के दोनों सदनों के अधिकतर सांसद कलाम साहब के अंतिम संस्कार के समय मौजूद रहना चाहते हैं। ऐसे में संसद को दो दिनों के लिए स्थगित करना पड़ा। लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दो दिन के अवकाश की मांग की। जबकि, इसी मांग के आधार पर राज्यसभा में भी दो दिन अवकाश की घोषणा हुई। मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा में कलाम साहब को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही एक दिन के लिए स्थगित की गई। इस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नियमों का हवाला देते हुए दो दिन अवकाश की बात कही। उनके अनुसार साधारण कार्य नियमावली के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री व पूर्व राष्ट्रपति के निधन व दिल्ली में उनके अंतिम संस्कार की स्थिति में संसद में एक दिन का अवकाश होगा। जबकि, राजधानी के बाहर अंतिम संस्कार होने पर दो दिन के अवकाश का नियम है। सिंधिया ने कहा कि सभी दलों के नेता अंतिम संस्कार में शामिल होना चाहते हैं। इस पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने दो दिन अवकाश की घोषणा की। बाद में राज्यसभा अध्यक्ष हामिद अंसारी ने भी इसी आधार पर राज्यसभा में भी दो दिन के अवकाश का एलान किया।
कलाम का अंतिम उपहार रहा एडवांटेज इंडिया