चुनावी खर्चे की गलत जानकारी में फंसे मध्यप्रदेश के मंत्री अयोग्य घोषित
चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री और विधायक नरोत्तम मिश्रा के चुनाव को शून्य घोषित कर दिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने चुनावी खर्चे की गलत जानकारी देने के मामले में मध्यप्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री नरोत्तम मिश्र को अयोग्य ठहरा दिया है। आयोग ने मिश्र को चुनावी खर्चे को छुपाने और सही ब्यौरा नहीं देने का दोषी ठहराते हुए न केवल उनकी विधानसभा की सदस्यता खत्म कर दी है बल्कि अगले तीन साल तक उनके चुनाव लड़ने पर पाबंदी भी लगा दी है। कांग्रेस ने आयोग के फैसले के तत्काल बाद नरोत्तम मिश्र के मंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग की है।
चुनाव आयोग का यह फैसला मिश्र के साथ शिवराज सरकार के लिए भी एक झटका है। किसानों के आंदोलन को लेकर बैकफुट पर खड़ी मध्यप्रदेश सरकार में मिश्र इस समय मुख्यमंत्री शिवराज के बाद दूसरे ताकतवर चेहरे के रुप में चर्चित रहे हैं। चुनाव आयोग के आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार मिश्र के खिलाफ चुनाव में खर्च के ब्यौरा देने में गड़बड़ी करने की शिकायत सही पायी गई। इसी आधार पर आयोग ने शनिवार को उनकी दतिया विधानसभा सीट से मौजूदा विधायकी खत्म कर दी। साथ ही दूसरा कठोर फैसला लेते हुए मिश्र को अगले तीन साल तक किसी भी तरह के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है।
मध्यप्रदेश भाजपा के दिग्गज चेहरों में शामिल मिश्र के खिलाफ यह शिकायत उनके विरूद्ध चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस नेता राजेंद्र भारती ने दी थी। भारती ने यह शिकायत की थी कि मिश्र ने चुनाव खर्चे के अपने विवरण में कई ब्यौरे नहीं दिए थे। इसमें कथित तौर पर पेड न्यूज का ब्यौरा भी नहीं दिया गया था। दिलचस्प बात यह है कि भारती ने 2008 के विधानसभा चुनाव को लेकर मिश्र के खिलाफ आयोग से यह शिकायत की थी। इसके बाद भारती 2013 के विधानसभा चुनाव में भी मिश्र से हार गए और पिछले विधानसभा चुनाव की शिकायत सही पाए जाने पर मिश्र को अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी है।
भारती की शिकायत पर आयोग ने मिश्र को जनवरी 2013 में ही नोटिस जारी कर कर कैफियत तलब की थी। मगर मिश्र इसके खिलाफ पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट गए जहां उन्हें राहत नहीं मिली। कानूनी अड़चन खत्म होने के बाद चुनाव आयोग ने मिश्र के खिलाफ शिकायतों की जांच पूरी करते हुए शनिवार को उन्हें दोषी ठहराते हुए अयोग्य घोषित कर दिया। आयोग के फैसले उत्साहित मध्यप्रदेश कांग्रेस और विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने बिना देरी किए नैतिकता के आधार पर मिश्र का इस्तीफा मांग लिया।
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